चारा घोटाले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को 5 साल सश्रम कारावास और 25 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. सजा के ऐलान के बाद आरजेडी ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर उनकी पार्टी के नेता को फंसाया है और वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे.
फैसला आने के बाद आरजेडी के नेता राम कृपाल यादव ने कहा, 'ये बीजेपी और जेडीयू की साजिश है. हम राबड़ी देवी के साथ जनता की अदालत में जाएंगे. हम और हमारे नेता हताश नहीं हैं. हम लालू के नेतृत्व में ही काम करेंगे. लालू हमारे नेता थे और रहेंगे.'
वहीं, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि फैसले से उन्हें धक्का लगा है, लेकिन वे इससे घबराएंगे नहीं.
उन्होंने कहा, 'लालू जी को मिली सजा से हमें धक्का लगा है. लेकिन हम इस धक्के से विचिलित नहीं हो सकते. इस संकट का मुकाबला करने के लिए आरजेडी का एक-एक नेता एकजुट हो गया है. हम इसका मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.'
उन्होंने दावा किया कि अब आरजेडी पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरेगी. उनके मुताबिक, 'जब लंबी यात्रा तय की जाती है तो रास्ते में टीले और खाई भी मिलते हैं. खाई में जाने पर भी शेर, शेर ही रहता है. ये हमारे लिए धक्का है. ये सेटबैक है, जिसे हम स्वीकार करते हैं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि जिन बातों के लिए आरजेडी की पैदाइश हुई है उसे पूरा करने के लिए हम पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर सामने आएंगे.'
जब रघुवंश प्रसाद सिंह से आरजेडी के नेतृत्व के बारे में पूछ गया तो वे भड़क गए. उन्होंने कहा, 'पार्टी में कोई नेृतृत्व संकट नहीं है. अगर कोई पांच या 10 दिन के लिए गैरहाजिर होता है तो क्या इसे नेतृत्व संकट मान लिया जाएगा. हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. कुछ दिनों की ही बात है. लालू जी जल्द जेल से बाहर आ जाएंगे. हम लालूजी को गीता देकर आए हैं. जब तक लालू जी 10 श्लोक पढ़्रेंगे तब तक वो कोर्ट से बाहर आ चुके होंगे.'