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आलोचना का अधिकार, मगर जजों की ट्रोलिंग नहीं बर्दाश्त करेगी सरकार- रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जजों को लेकर मीडिया में ट्रोलिंग अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. किसी भी मामले पर मन मुताबिक फैसला नहीं देने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग होती है जिसमें कई बार अपमानजनक शब्द कहे जाते हैं, ट्विटर पर भी हैशटैग चलाकर जजों की अवमानना की जाती है.

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फोटो-PTI)
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन
  • जजों की अवमानना बर्दाश्त नहीं- कानून मंत्री
  • 'कोर्ट के सहयोग बिना अपराध नियंत्रण मुश्किल'

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि जजों को लेकर मीडिया में ट्रोलिंग अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. किसी भी मामले पर मन मुताबिक फैसला नहीं देने पर जजों के खिलाफ ट्रोलिंग होती है, खासकर सोशल मीडिया पर. जिसमें कई बार अपमानजनक शब्द कहे जाते हैं, ट्विटर पर भी हैशटैग चलाकर जजों की अवमानना की जाती है, इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन के उद्घाटन के अवसर पर रविशंकर प्रसाद ने यह बात कही. उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अधिकार है कि वो फैसले की आलोचना करें. मगर किसी तरह की ट्रोलिंग बर्दाश्त नहीं की जायेगी. ये बात मैं साफ कर देना चाहता हूं.

इस अवसर पर मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है. इसमें न्यायपालिका की भी अहम भूमिका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायिका कानून का निर्माण करती है, कार्यपालिका उसे क्रियान्वित कर अपनी जिम्मेदारी निभाती है. इसमें न्यायपालिका की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है.

नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 में हम सत्ता में आये और 2006 में हाईकोर्ट के सहयोग से तेजी ट्रायल शुरू हुआ. इससे बिहार में अपराध नियंत्रण करने में काफी मदद मिली. बिना न्यायालय के सहयोग से अपराध नियंत्रण करना मुश्किल है. जितनी तेजी से ट्रायल होगा राज्य में अपराध नियंत्रण में होगा.

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कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने हर क्षेत्र में बेहतर काम किया है. सड़कों के निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, भवन निर्माण के क्षेत्र में काफी काम किये गये हैं. न्यायपालिका को लेकर हमारे पास जितने भी प्रस्ताव आते हैं, हम उसे स्वीकार करते हैं. हम आपको वचन देते हैं कि आपका जो भी प्रस्ताव आगे आएगा उसे भी हम स्वीकार करेंगे. 

नीतीश कुमार ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 2035 अधीनस्थ कर्मियों के पद सृजित किये गये हैं. इसके साथ ही सिविल जज के 1033 पद भी सृजित किये गये हैं. आगे भी नियुक्ति और भवन निर्माण से संबंधित जो भी प्रस्ताव होंगे उस पर तेजी से काम करेंगे.

बता दें कि पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्धाटन भारत के मुख्य न्यायधीश शरद अरविंद बोबडे ने किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद थे. 203.94 करोड की लागत से नए भवन का बुनियादी ढांचा बनाया गया है. नए शताब्दी भवन में 43 कोर्ट रूम, 57 चैम्बर्स, लाइब्रेरी के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित लॉन का निर्माण कराया गया है. 


 

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