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बिहार: 44 साल बाद साथ दिखीं चिराग पासवान की दोनों मां, एक साथ बेटे को दिया आशीर्वाद

जमुई सांसद चिराग पासवान शुक्रवार को अपनी मां रीना पासवान के साथ अपने पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचे. इस दौरान वे अपनी बड़ी मां राजकुमारी देवी (रामविलास पासवान की पहली पत्नी) से मिले. 44 साल बाद रीना पासवान और राजकुमारी देवी की मुलाकात हुई. दोनों ने एक साथ चिराग पासवान को आशीर्वाद दिया.

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गले मिलतीं रानी पासवान और राजकुमार देवी. साथ में चिराग पासवान. (फोटो- ट्विटर)
गले मिलतीं रानी पासवान और राजकुमार देवी. साथ में चिराग पासवान. (फोटो- ट्विटर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मां रीना पासवान के साथ अपने पैतृक गांव शहरबन्नी पहुंचे थे चिराग
  • शहरबन्नी में ही रहती हैं चिराग की बड़ी मां राजकुमारी देवी

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई सांसद चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ 44 साल बाद अपनी बड़ी मां और दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी देवी से मिले. इस दौरान घर-परिवार एवं गांव के लोगों की भाड़ी भीड़ जुट गई.

चिराग पासवान शुक्रवार को अपनी मां रीना पासवान के साथ अपने पैतृक गांव शहरबन्नी में पहुंचे. यहां उनकी बड़ी मां राजकुमारी देवी भी रहती हैं. चिराग अपनी मां को लेकर राजकुमारी देवी के पास पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया. 

राजकुमारी देवी के साथ चिराग पासवान.

इससे पहले चिराग पासवान ने रीना पासवान के साथ शहरबन्नी में ही दादा एवं दादी के स्मारक पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके पहले वे मेघौना माध्यमिक सह उच्च विद्यालय भी पहुंचे जहां रामविलास पासवान ने पढ़ाई की थी. उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पढ़ाई के लिए मेरे पिता नदी को पार करके आते थे. उन्होंने बताया कि स्कूल की स्थिति को सुधारने के लिए पापा ने स्कूल में कंप्यूटर लैब और लाइब्रेरी भवन का निर्माण कार्य भी करवाया था.

एक साथ राजकुमारी देवी और रीना पासवान.

रामविलास पासवान की दोनों पत्नियों की ये मुलाकात कुछ पलों के लिए थी लेकिन लंबे समय बाद इस पारिवारिक मिलन के दृश्य ने परिवार के लोगों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी आनंदित कर दिया. इस दौरान रीना पासवान और राजकुमारी देवी ने एक साथ चिराग पासवान को आशीर्वाद दिया. रीना पासवान ने चिराग और राजकुमारी देवी को गले से भी लगाया. 

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रामविलास पासवान ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था, "मैं उस इलाके में पैदा हुआ जहां प्राइमरी स्कूल नहीं था, स्कूल तक जाने के लिए 3 किलोमीटर चलकर जगमोहरा जाना पड़ता था. मिडिल स्कूल भी 3 किमी दूर था. इसके बाद जब आठवीं में पढ़ने आया तो 2 नदियां रोज पार करनी पड़ती थीं " आज अगर आप प्रचंड वेग से बह रही बिहार की नदियों की तस्वीरें देखते हैं तो याद कीजिए वो मौके जब बालक रामविलास पासवान दो नदियों को पारकर अपने स्कूल जाते थे.  

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