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रक्षा बंधन: बिहार में 'मोदी' और 'नीतीश' आमने-सामने!

बड़ों ने हमें शिक्षा दी कि पर्व-त्‍योहार दिल से दिल को मिलाने का काम करते हैं. फिर चाहे कोई किसी का कितना भी विरोधी क्‍यों न हो. लेकिन इसे बाजार का दबाव कहें या फिर राजनीतिकरण, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी यहां भी एक-दूसरे के विरोध में खड़े हैं. बात भले ही राजनीति के दंगल से निकली हो, लेकिन रक्षा बंधन का रक्षा सूत्र भी इनके दिलों को जोड़ नहीं पाया.

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Symbolic Image
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बड़ों ने हमें शिक्षा दी कि पर्व-त्‍योहार दिल से दिल को मिलाने का काम करते हैं. फिर चाहे कोई किसी का कितना भी विरोधी क्‍यों न हो. लेकिन इसे बाजार का दबाव कहें या फिर राजनीतिकरण, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी यहां भी एक-दूसरे के विरोध में खड़े हैं. बात भले ही राजनीति के दंगल से निकली हो, लेकिन रक्षा बंधन का रक्षा सूत्र भी इनके दिलों को जोड़ नहीं पाया.

नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और नीतीश कुमार बतौर पूर्व मुख्‍यमंत्री बिहार में अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं. हैसियत बदल चुकी है. लेकिन बि‍हार के राखी बाजार में दोनों आमने-सामने हैं. दरअसल, प्रदेश के राखी बाजार में 'मोदी' और 'नीतीश' नाम की राखी बिक्री के मामले में एक-दूसरे को जबरदस्त टक्कर दे रही है.

प्रदेश की राजधानी पटना के प्रसिद्ध मच्छरहट्टा राखी मंडी विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी आकर्षक राखियों से पटी पड़ी हैं. यहां अगल-अलग रंग हैं, रेशम की डोरी है. लेकिन इन सभी में सबसे अधिक चर्चा मोदी राखी की है. गुजरात की बनी स्टोन की राखी लोगों को खूब भा रही है तो नीतीश राखी भी बहनों की पसंद में शुमार है.

धोनी, सचिन और स्‍पाइडरमैन भी
रक्षाबंधन पर हर साल लोगों के फेवरेट आइडल राखी के जरिए कलाई पर बंधते हैं. इस बार बिहार के भाइयों की कलाइयों पर धोनी, सचिन, स्पाइडरमैन, मिस्टर बीन राखियों के अलावे माई फ्रेंड गणेशा, हनुमान, कृष्णा और भीम की शक्ल में बनी राखियां सजने वाली हैं.

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500 रुपये तक की एक राखी
पटना के जगदेव पथ स्थित एक राखी दुकानदार अखिलेश कहते हैं कि मुख्य रूप से इस बाजार में कोलकाता से बूटीक जरदोजी वर्क की राखियां, अहमदाबाद और राजकोट से डोरी की राखियां, दिल्ली से स्पंज और फैंसी राखियां मंगाई जाती हैं. अलग-अलग किस्म की राखियां 20 से 500 रुपये तक में उपलब्ध हैं.

दूसरी ओर, पटना की हर गली और चौराहे पर खुदरा और अस्थाई राखी की दुकानें सज चुकी हैं. लेकिन इन तमाम राखियों का मुख्य स्रोत पटना का मच्छरहट्टा बाजार है. इस साल राखी की कीमतों में 15 से 20 फीसदी का इजाफा हुआ है.

सोने और चांदी की राखियां
एक सर्राफा कारोबारी के मुताबिक बाजार में सोने और चांदी की राखियां भी उपलब्ध हैं. इन राखियों को लोग दोहरा इस्तेमाल करते हैं. इस तरह की राखियां रक्षाबंधन के दिन राखी, अन्य दिन ब्रेसलेट की तरह इस्तेमाल होंगी. उन्होंने बताया कि ऐसी राखियों की कीमत उनके वजन के अनुसार निर्धारित होती है.

गौरतलब है कि रक्षाबंधन सावन महीने में पूर्णिमा को मनाया जाता है. काशी पंचांग के मुताबिक इस साल रक्षाबंधन 10 अगस्त को मनाया जाएगा. रक्षा बंधन बांधने का शुभ मुहूर्त काशी पंचांग के मुताबिक 1.21 बजे दोपहर से शुरू होगा जबकि मिथिला पंचांग के मुताबिक दोपहर 1.29 बजे से शुभ समय है.

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