12वीं की छात्रा प्रिया रॉय की गुमशुदगी मामले ने बिहार के प्राइवेट और पब्लिक स्कूलों में पास-फेल कराने में करोड़ों रुपये के गोरखधंधे का खुलासा कर दिया है. पटना का मशहूर डीएवी स्कूल सबसे बड़ी फजीहत झेल रहा है क्योंकि यहां बच्चों को फेल कराने और फिर पास कराने के नाम पर लाखों की रकम ऐंठने का आरोप लगा है.
यह मामला प्रिया रॉय के स्कूल से गायब होने के बाद सामने आया. जब प्रिया को फेल करने के बाद स्कूल ने उससे 12वीं की परीक्षा दिलवाने के लिए एक लाख रुपये मांगे. प्रिया स्कूल की 1 साल की फीस 63 हजार रुपये लेकर गई तो उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा का एडमिट कार्ड देने से मना कर दिया और प्रिया स्कूल से ही गायब हो गई. करीब 20 दिन बाद जब प्रिया स्टेशन पर भटकती मिली तो ये राज सामने आया.
दरअसल प्रिया को 11वीं में फेल कर दिया गया और स्कूल से निकाल भी दिया गया. लेकिन पूरे साल स्कूल की सांठ-गांठ से वो क्लास करती रही. स्कूल ने गुपचुप तौर पर ये भरोसा दिलाया था कि उसे 12वीं की परीक्षा दिला दी जाएगी लेकिन जब 12वीं की परीक्षा का वक्त आया तो उससे 1 लाख रुपये से ज्यादा रकम मांगी गई.
जब मामले का खुलासा हुआ तो पता चला स्कूल के तीन शिक्षक और प्रिंसिपल बच्चों को पहले फेल कराते हैं और फिर लाखों की रकम ऐंठने के बाद उन्हें 12वीं की परीक्षा दिलाते हैं. पुलिस ने ऐसे 80 मामले पकड़े हैं जिसमें स्कूल ने गड़बड़ी करके बच्चों के फेल-पास कराने का ये गोरखधंधा किया है.
एक तरफ पुलिस इस बात की तहकीकात में जुटी है कि इन 20 दिनों में प्रिया कहां थी क्योंकि परिवार ने प्रिया के अपहरण की आशंका जताई थी. वहीं दूसरी तरफ मामले में स्कूल प्रबंधन बुरी तरह घिर गया है. हालांकि तीन शिक्षकों को जेल भेजा जा चुका है जबकि प्रिंसिपल गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है.
ये तो साफ है कि स्कूल में पास-फेल का गोरखधंधा चल रहा था लेकिन अब जांच का दायरा बड़ा करने की मांग उठने लगी है क्योंकि बच्चों को फेल कराकर पास कराने का गोरखधंधा सिर्फ एक स्कूल में ही नहीं चल रहा बल्कि पटना के कई स्कूलों में ये धंधा पहले से चलता रहा है.