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बिहार में पुलिस का 'ऑपरेशन न्यू ईयर' शुरू, 10 ADG और 2 IG को सौंपी गई कमान

पुलिस विभाग का 'ऑपरेशन न्यू ईयर' आज से शुरू हुआ है और जनवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा. बिहार में क्योंकि अब पंचायत चुनाव समाप्त हो गए हैं तो ऐसे में हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी जो पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे हुए थे, उन्हें अब 'ऑपरेशन न्यू ईयर' में लगाया जाएगा.

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पुलिस विभाग का 'ऑपरेशन न्यू ईयर' आज से शुरू हुआ है. (सांकेतिक तस्वीर)
पुलिस विभाग का 'ऑपरेशन न्यू ईयर' आज से शुरू हुआ है. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'ऑपरेशन न्यू ईयर' में जुटी बिहार पुलिस
  • शराब तस्कर के मंसूबों पर पानी फेरेेगी पुलिस

बिहार में पंचायत चुनाव की समाप्ति के साथ अब प्रदेश में शराबबंदी कानून को और कड़े तरीके से लागू करने के लिए पुलिस विभाग में रणनीति तैयार की है. पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक, नए साल के जश्न को लेकर भारी मात्रा में शराब बिहार में पहुंचाने की तैयारी चल रही है और इसी को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने एक व्यापक बनाया है जिसकी कमान 10 एडीजी और 2 आईजी को सौंपी गई है.

खास बात यह है कि नए साल के मौके पर शराब माफिया और शराब तस्कर के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए पुलिस महकमे ने जो रणनीति तैयार की है उसका हिस्सा स्पेशल टास्क फोर्स, एंटी टेरर स्क्वाड, सीआईडी और स्पेशल ब्रांच के एडीजी भी हैं, जो साफ तौर पर दिखाता है कि बिहार सरकार शराबबंदी कानून को किसी भी कीमत पर सख्त तरीके से लागू करने के लिए कमर कस चुकी है.

जनवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा 'ऑपरेशन न्यू ईयर'

पुलिस विभाग का 'ऑपरेशन न्यू ईयर' आज से शुरू हुआ है और जनवरी के दूसरे सप्ताह तक चलेगा. बिहार में क्योंकि अब पंचायत चुनाव समाप्त हो गए हैं तो ऐसे में हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी जो पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे हुए थे, उन्हें अब 'ऑपरेशन न्यू ईयर' में लगाया जाएगा.

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मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार में 25 दिसंबर (क्रिसमस डे) और नए साल के मौके पर शराबबंदी कानून का उल्लंघन न हो, इसको लेकर पुलिस विभाग और ज्यादा अलर्ट मोड पर है.

चोरी-छिपे पी रहे शराब

मालूम हो कि बिहार में साल 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है, लेकिन शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है जब कहीं पर शराब बरामद न होता हो. जाहिर है कि लोग चोरी-छिपे इसे पी रहे हैं और सबसे बड़ी बात नवंबर महीने में ही जहरीली शराब की चपेट में आने से गोपालगंज, पश्चिम चंपारण और बेतिया में कई लोगों की मौत भी हो गई थी.

 

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