बिहार के सारण जिले के धर्मसती गंडामन गांव के सरकारी विद्यालय में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की हुई मौत के बाद सरकार ने कई प्रकार की जांच करवाई और अब यह मामला विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया गया है. इस सब के बावजूद आज भी यह सवाल अनुत्तरित है कि आखिर खाने के तेल में कीटनाशक कैसे पहुंचा? पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है, परंतु एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी मामले की मुख्य आरोपी, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मीना देवी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
धर्मसती गंडामन गांव में स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में पिछले मंगलवार को मिड डे मील 23 बच्चों की मौत का निवाला बन गया था, जबकि रसोइया और 24 बच्चे अब भी बीमार हैं.
इस मामले की प्राथमिकी गंडामन गांव के अखिलानंद मिश्र ने मशरख थाने में दर्ज करवाई है, जिसमें प्रिंसिपल मीना देवी और अन्य को आरोपी बनाया गया है. फरार प्रिंसिपल के खिलाफ सोमवार को छपरा की स्थानीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है.
घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) विनोद कुमार और प्रमंडलीय आयुक्त शशिशेखर शर्मा को जांच का जिम्मा दिया गया. जांच रिपोर्ट में प्रिंसिपल की भूमिका को आपराधिक लापरवाही करार दिया गया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रिंसिपल ने विभागीय आदेश का खुला उल्लंघन किया है. खाना पकने के दौरान उन्होंने न सही तरीके से निगरानी की और न ही बच्चों को भोजन परोसने के पहले उसे चखा था. प्रधानाध्यापिका को तो निलंबित कर दिया गया है, परंतु उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में भी भोजन में कीटनाशक की पुष्टि हो गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार में उपलब्ध कीटनाशक, ऑरगेनो फॉस्फोरस की तुलना में खाने में मिला कीटनाशक पांच गुना ज्यादा जहरीला था. इसका प्रयोग खेती में किया जाता है, जो इंसानों के लिए बेहद जहरीला होता है.
खाने के बचे हुए अंश, खाना बनाने में इस्तेमाल किए गए तेल और बर्तनों में भी इसकी मात्रा पाई गई थी. जांच के लिए नमूने इन्हीं से लिए गए थे, जिसकी पटना के फोरेंसिक लैब में जांच की गई.
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व राज्य के प्रधान सचिव ने भी खाने में तेल की जगह कीटनाशक डाल दिए जाने की बात बताई थी. उन्होंने बताया था कि तेल को कढ़ाही में डालने के बाद काला धुआं निकला था और उसका रंग भी अन्य तेल जैसा नहीं था.
अब यह मामला एसआईटी को सौंप दिया गया है. राज्य पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि विशेष जांच दल ने जांच प्रारंभ कर दी है. सीआईडी के पुलिस महानिरीक्षक विनय कुमार एसआईटी जांच की निगरानी करेंगे, जबकि विशेष कार्य बल को अभियुक्तों की गिरफ्तारी में सहयोग का निर्देश दिया गया है. इस दल का नेतृत्व सारण के पुलिस अधीक्षक सुजीत कुमार करेंगे, जबकि टीम में वैशाली के सहायक पुलिस अधीक्षक अरविन्द कुमार गुप्ता के अलावा दो पुलिस निरीक्षक और पांच सहायक निरीक्षकों को शामिल किया गया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को विपक्षी दलों की साजिश बताया है. उन्होंने सोमवार को कार्यकर्ताओं की बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि धर्मसती गंडामन की घटना में साजिश हो सकती है. उन्होंने कहा कि विपक्षियों द्वारा तरह-तरह की साजिश की जा रही है, जिससे बचकर रहने की जरूरत है.
शिक्षा मंत्री पी के साही कहते हैं कि तेल प्रधानाध्यापिका की दुकान से आया था. परंतु इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हो पाई है. अगर तेल आया भी तो उसमें कीटनाशक कहां मिलाया गया? हालांकि जानकार बताते हैं जो छात्रा तेल लेने गई थी उसकी मौत हो चुकी है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक अभयानंद कहते हैं कि यह मामला काफी गंभीर है. वह कहते हैं कि खाने के तेल में कीटनाशक गलती से मिला है, या यह कोई साजिश है, इसकी जांच की जा रही है. वह कहते हैं कि इस मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए. इसलिए एसआईटी को मामले की जांच सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.