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बिहार में बुधवार को 36 टी-स्टॉल्स पर मोदी करेंगे ‘चाय पे चर्चा’

बीजेपी अपने पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी का प्रचार करने के लिए 'चाय पे चर्चा' अभियान छेड़ रखा है. नई तकनीक के जरिए मोदी बुधवार को बिहार के 36 चाय स्टॉलों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों से रू-ब-रू होंगे.

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मोदी की चाय
मोदी की चाय

बीजेपी अपने पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी का प्रचार करने के लिए 'चाय पे चर्चा' अभियान छेड़ रखा है. नई तकनीक के जरिए मोदी बुधवार को बिहार के 36 चाय स्टॉलों पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लोगों से रू-ब-रू होंगे.

पटना के कंकड़बाग ऑटो स्टैंड के पास चाय की दुकान चलाने वाले राजू कुमार ने कहा, ‘नमो चाय वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं और खुशी है कि आज वे प्रधानमंत्री बनने की दौर में हैं. सबसे खास बात है कि आज भी वे अपने अतीत को नहीं भूले हैं.’

मोदी से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जिन चाय दुकान के चौपालों का चयन किया गया है उसमें दानापुर के काली स्थान मछुआ टोली के मुन्ना की चाय दुकान भी शामिल है.

मुन्ना ने कहा, ‘उसका ही नहीं सभी चाय दुकानदारों का सपना है कि मोदी इस देश के प्रधानमंत्री बनें. देश को आज वैसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो नीचे से ऊपर उठा हो तभी उसे नीचे के लोगों के दर्द का अहसास होगा.’

मुन्ना ने कहा कि वह बुधवार को पूरे परिवार के साथ मोदी के साथ बात करेगा और उनके हर संदेश को ध्यान से सुन प्रतिदिन दुकान पर आने वाले ग्राहकों को सुनाएगा.

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इधर, लोहानीपुर के चाय दुकानदार मंगल यादव का चयन मोदी के वीडियो कान्फ्रेंसिंग के लिए नहीं हुआ है, जिसे उसका अफसोस है. मंगल को अफसोस है कि उनकी दुकान का चयन नहीं किया गया, लेकिन वे अपने ग्राहकों से मोदी को सुनने के लिए लोहानीपुर के गोपाल प्रसाद यादव की चाय दुकान पर आने का न्योता दे रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘भले ही मेरी दुकान का चयन नहीं किया गया है, मैं दूसरी दुकान पर जाकर मोदी का संदेश सुनूंगा और ग्राहकों को भी वहां आने का निवेदन कर रहा हूं.’

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि 12 फरवरी को मोदी बिहार के 36 चाय स्टॉलों पर जुटी चौपाल से बात करेंगे. इसके लिए शाम पांच बजे से आठ बजे तक का समय निर्धारित किया गया है.

उन्होंने बताया कि पटना की 15 चाय दुकानों का चयन किया गया है, जबकि अन्य 21 स्थानों में आरा, बरौनी, छपरा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, बिहारशरीफ, गया समेत कई जगह शामिल हैं. उनका कहना है कि इसका मकसद चाय की चुस्कियों के बीच गरीब और समाज के कमजोर वर्गो के साथ बिहार की स्थिति पर नमो से सीधा संवाद करना है.

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