बिहार में मानव तस्करी का बहुत बडा जाल फैला हुआ है. जिसमें तस्करों के साथ-साथ शायद पुलिस और कुछ पत्रकार भी शामिल हैं. शायद यही वजह है कि इस घिनौने खेल के पीछे के आरोपी गिरफ्तार नहीं किए जा सकें हांलाकि आजतक की पहल पर लड़की को बरामद कर लिया गया है.
अगर मोतिहारी की पुलिस समय पर तत्परता दिखाती तो शायद लडकी रेड लाइट एरिया में बिकने से बच जाती. भला हो उस ड्राईवर का जिसने उसकी पहचान कर घरवालों को खबर दी.
15 अप्रैल को वो शादीशुदा लडकी मोतिहारी में कोचिंग के लिए अपने घर से निकली थी लेकिन वो कोचिंग जाती उससे पहले ही अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया. शाम तक वो जब घर नहीं लौटी तो घरवालों ने पुलिस को खबर दी. नगर थाने में मामला दर्ज हुआ लेकिन पुलिस ने इस घटना का कोई खास नोटिस नही लिया. घरवाले अपने स्तर से उसे ढुंढते रहें लेकिन पुलिस की तरफ से कोई मदद नही मिली.
इस बीच मोतिहारी का एक ड्राईवर सीतामढी रेडलाइट एरिया में गया. ड्राइवर जो कि लडकी को पहले से जानता था उसने उसके घरवाले को मोतिहारी में खबर दी कि लडकी को रेडलाइट ऐरिया में बेच दिया गया है.
इतनी जानकारी मिलने के बाद घऱवाले पुलिस थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी जानकारी दी. इसके बावजूद पुलिस ने कुछ नही किया घरवाले बार-बार सीतामढी के रेडलाइट पर छापेमारने की बात करती रही लेकिन पुलिस के कानों तक जूं तक नही रेंगी.
थक-हार कर लडकी के घरवालों ने आजतक से सम्पर्क किया. आजतक ने सीतामढी के एसपी को इसकी जानकारी दी और उसके बाद सीतामढी की पुलिस हरकत में आई और रेडलाइट एरिया में छापेमारी कर लड़की को तो बरामद कर लिया गया लेकिन लड़की को इस हालत में पहुंचाने वाले फरार हो गए.