बिहार के गांधी मैदान में बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की परिवर्तन रैली को भले ही दूसरे दल, राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के दोनों पुत्रों के राजनीति में प्रवेश का जरिया बता रहे हों लेकिन लालू के दोनों पुत्र तेजस्वी और तेज प्रताप पार्टी की इस रैली को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को उखाड़ फेंकने की लड़ाई का प्रारंभ बता रहे हैं.
पटना में अपने आवास से रैली के लिए प्रस्थान करने से पहले तेज प्रताप ने कहा कि नीतीश चाचा ने जब बिहार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब कहा था कि अगले तीन महीनों के दौरान बिहार को पेरिस बना देंगे. वह बिहार को पेरिस तो नहीं बना सके, लेकिन बिहार और रसातल में चला गया.
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज बिहार के लोग खाने को तरस रहे हैं, बिहार की हालत सभी मोर्चे पर जर्जर हो गई है. बकौल तेज प्रताप इस परिवर्तन रैली के द्वारा बिहार में सत्ता परिवर्तन की शुरुआत होगी और एक नए बिहार की स्थापना की जाएगी.
तेज प्रताप से जब पूछा गया कि क्या राजद सरकार में बिहार को पेरिस बनाया जाएगा तो उन्होंने कहा कि दोनों भाई बिहार को पेरिस तो नहीं बना सकते, परंतु युवाओं के नेतृत्व में नए बिहार की स्थापना जरूर करेंगे.
इधर, लालू के दूसरे पुत्र तेजस्वी भी सैकड़ों युवाओं के साथ पैदल मार्च करते हुए गांधी मैदान की तरफ रवाना हुए. गांधी मैदान जाने के क्रम में उन्होंने कहा कि नीतीश चाचा की सरकार में विकास के नाम पर ढोंग किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज यहां की जनता वर्तमान सरकार से उब चुकी है. जनता वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कृतसंकल्प है तभी यहां इतने लोग आए हैं.
तेजस्वी कहते हैं कि आज बिहारियों की छवि अन्य राज्यों में खराब हो रही है. आज बिहार के युवा रोजी-रोटी के लिए अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं. राज्य में शिक्षा की सुविधा नहीं है, अफसरशाही बढ़ गई है और इसलिए वह सरकार की गलत नीतियों को लेकर लोगों के सामने जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि लालू के दोनों पुत्र परिवर्तन रैली को लेकर पूरे राज्य का दौरा कर चुके हैं और इस दौरान उन्होंने लोगों को रैली में आने का न्योता दिया था.