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'बहुसंख्यक का भला नहीं, आंकड़ों का क्या अचार डालेंगे', लालू यादव ने की जाति आधारित जनगणना की मांग

लालू प्रसाद यादव ने कहा अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी जनगणना का बहिष्कार कर सकते हैं.

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लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना की मांग की
  • लालू ने कहा कि दलित और अल्पसंख्यक जनगणना का विरोध कर सकते हैं

जाति आधारित जनगणना पर मांग लगातार तेज होती जा रही है. अब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है. बता दें कि लालू के बेटे तेजस्वी यादव के साथ-साथ बिहार सीएम नीतीश कुमार भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर चुके हैं.

लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना के समर्थन में ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, 'अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े-अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी जनगणना का बहिष्कार कर सकते है.' लालू ने आगे लिखा, 'जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?'

सिर्फ बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी इसकी मांग तेज हुई है. समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया था. अखिलेश और मायावती ने कहा था कि जनगणना में जाति आधारित आंकड़े केंद्र सरकार को जारी करने चाहिए. केंद्र में सरकार के सहयोगी अपना दल ने तो ओबीसी की अलग जनगणना की बात कही थी, जिसका मायावती ने भी समर्थन किया था.

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बता दें कि 1931 तक जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल किए जाते थे. इसके बाद 1941 में जातिगत आंकड़ा एकत्र किया गया था, लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया. अब 2021 की जनगणना जो होगी वह देश की 16वीं जनगणना होगी. यह पूरी तरह से डिजिटल फॉर्म में होगी.

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