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लालू ने नीतीश सरकार को पानी पी-पीकर कोसा

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने सियासी विरोधी नीतीश कुमार की तुलना नंद वंश के घनानंद से की है. लालू ने नीतीश को 'सत्ता चिपकू' बताया है.

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लालू प्रसाद
लालू प्रसाद

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपने सियासी विरोधी नीतीश कुमार की तुलना नंद वंश के घनानंद से की है. लालू ने नीतीश को 'सत्ता चिपकू' बताया है.

लालू प्रसाद के प्रहार का नीतीश कुमार ने करारा जवाब दिया है. नीतीश ने कहा है कि बिहार में विकास हो रहा है, जिससे कुछ लोगों की छाती फट रही है.

बिहार के खगड़िया जिले में बीते वर्ष हुई हिंसा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले हमले में विशेष जांच टीम (एसआईटी) द्वारा अपनी पार्टी के सांसद रामकृपाल यादव की संदिग्ध भूमिका बताए जाने पर नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि एसआईटी का गठन ही विरोधियों को फंसाने के लिए किया गया था.

लालू ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘एसआईटी का गठन ही विरोधियों को फंसाने के लिए किया गया. खगड़िया हिंसा मामले में रामकृपाल यादव को फंसाया जा रहा है. आरजेडी के किसी भी नेता ने यदि हिंसा के लिए भड़काया है तो उसके बातचीत का प्रमाण क्यों नहीं प्रस्तुत किये जा रहे हैं.’ उन्होंने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जो भी जन आंदोलन वर्तमान सरकार के खिलाफ हो रहे हैं, उसमें लोगों का ध्यान बंटाने के लिए सरकार द्वारा विपक्ष पर आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.

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लालू ने आरोप लगाया, ‘खगड़िया में 27 सितंबर को जिस जदयू नेता रणवीर यादव ने खुलेआम कार्बाइन लहरायी उसे ‘क्लिन चिट’ दे दी गयी. उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई.’ आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि राजग सरकार के कार्यकाल में बिहार में भ्रष्टाचार और घोटाले हो रहे हैं. अपने अधिकार की मांग करने वाले अनुबंधित शिक्षकों पर लाठी चार्ज हो रहा है. इसलिए उच्चतम न्यायालय ने लाठी से मार मारकर शिक्षकों को भगाने पर स्वत: संज्ञान में लिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘शिक्षकों पर बेरहमी से लाठीचार्ज जालियांवाला बाग गोलीकांड जैसा था, जब ब्रिटिशों ने भारतीयों का दमन किया था. शिक्षकों को मार मारकर लहूलुहान कर दिया, इसलिए उच्चतम न्यायालय ने इसका स्वत: संज्ञान लिया.

लालू ने कहा कि नीतीश के कार्यकाल में जनता ‘त्राहि माम’ कर रही है. जनता नीतीश कुमार को गर्दनिया पासपोर्ट (चुनाव में करारा जवाब देते हुए) देकर सत्ता से बेदखल करेगी. यह उन्होंने 35 जिलों में अपनी सभाओं में देखा है. 15 मई को गांधी मैदान में रैली में नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा. राजद सुप्रीमो ने कहा कि वह लोगों के घर-घर जाकर रैली में भाग लेने का न्योता पटना और आसपास के जिलों में देंगे. राज्य में केवल अनुबंधित शिक्षक ही नहीं बल्कि पंचायत प्रतिनिधि सहित सभी नाराज हैं. सब नीतीश कुमार को गद्दी से उतारना चाहते हैं.

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बिहार में कुलपतियों की नियुक्ति पर लालू ने कहा, ‘कुलपतियों की नियुक्ति काफी पैसा वसूली हुई है. सारा खेल पैसे का है क्योंकि आने वाले समय में राज्य में 13 हजार लेक्चरर और प्राचायों की नियुक्तियां होने वाली है. अब लेक्चरर और प्राचार्य की नियुक्ति कुलपति की अध्यक्षता वाली समिति करेगी. इसलिए यह सब खेल हुआ है.’

लालू ने नीतीश सरकार को लेक्चरर की नियुक्ति के लिए पूर्व में गठित विश्वविद्यालय सेवा आयोग भंग करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विश्वविद्यालय सेवा आयोग को खत्म कर दिया गया. इसलिए कुलपतियों की नियुक्ति में इतना पैसा वसूली हुई है. नीतीश सरकार में बैठे लोगों के मन में बेईमानी थी इसलिए आयोग को भंग किया गया. सरकार को फिर से विश्वविद्यालय सेवा आयोग को बहाल करना चाहिए.’ हालांकि लालू ने कुलपतियों की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार में कुलाधिपति कार्यालय का नाम नहीं लिया लेकिन नियुक्त करने वाली व्यवस्था पर खुलकर निशाना साधा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि नीतीश के कार्यकाल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी. शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है. आरजेडी की सरकार आयी तो अनुबंधित शिक्षकों को सरकारी वेतनमान पर स्थायीकरण किया जाएगा. लालू ने कहा, ‘हमें शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करना है, इसलिए अनुबंधित शिक्षकों को हम स्थायी करेंगे. शिक्षकों को स्थायी वेतनमान देंगे.’

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