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पटना में भगदड़ के दौरान किरण ने बचाई 7 महीने के बच्चे की जान

बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार शाम विजयदशमी पर रावण दहन के दौरान मची भगदड़ के बाद जहां लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए अपनी जान बचा रहे थे, वहीं एक महिला ऐसी भी थी जो सात महीने के बच्चे को बचाने के लिए अपने बच्चे को कुछ पल के लिए भूल गई.

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गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान मची भगदड़
गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान मची भगदड़

बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार शाम विजयदशमी पर रावण दहन के दौरान मची भगदड़ के बाद जहां लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए अपनी जान बचा रहे थे, वहीं एक महिला ऐसी भी थी जो सात महीने के बच्चे को बचाने के लिए अपने बच्चे को कुछ पल के लिए भूल गई. बच्चे को बचाने के लिए पटना जिला प्रशासन ने महिला को पुरस्कार देकर सम्मानित किया है.

गांधी मैदान में रावण दहन कार्यक्रम के बाद मची भगदड़ के दौरान लोग दक्षिणी द्वार की तरफ भाग रहे थे, लेकिन पटना की किरण देवी ने वहां गिरे एक सात महीने के बच्चे को रौंदने से बचा लिया. घायल अवस्था में इस बच्चे को किरण पहले अस्पताल ले गई और इलाज करवाया और घटना के दूसरे दिन पटना के गांधी मैदान थाना में इसकी सूचना दी.

पुलिस बच्चे को बाल गृह भेजना चाह रही थी, लेकिन किरण इसके लिए तैयार नहीं हुई. किरण ने तब कहा कि जब तक इस बच्चे के माता-पिता नहीं मिल जाते, तब तक वह इस बच्चे को अपने पास रखेगी.

इधर, बच्चे के परिजन को भी उसकी तलाश थी. उसके मुंहबोले चाचा शशिभूषण कुमार ने इसकी रविवार को पहचान की. इस बच्चे की मां आरती की भगदड़ में मौत हो गई है, जबकि उसके पिता का पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर है.

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इधर, जिला प्रशासन ने मानवता के प्रति संवेदना के लिए किरण और उसके पति को 25 हजार रुपये देकर सम्मानित किया है. सम्मान मिलने के बाद किरण ने कहा, 'उन्हें खुशी सम्मान की नहीं, बल्कि इस बात की है कि उसने इस अबोध बच्चे को मौत के मुंह से बचा लिया.'

उल्लेखनीय है कि इस भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में अधिकांश बच्चे एवं महिलाएं हैं.

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