नोटबंदी से ठीक पहले बिहार के कई जिलों में बीजेपी के जमीन खरीदने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. पूरे मामले का खुलासा होने के बाद पिछले हफ्ते जनता दल यूनाइटेड ने इस मुद्दे को लेकर आयकर विभाग के सामने शिकायत दर्ज कराई. जेडीयू ने बीजेपी की जमीनों की जांच कराने की मांग भी की है. इसी कड़ी में जेडीयू के 3 नेताओं ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखी है.
जेडीयू के दो पार्षद नीरज कुमार और संजय सिंह व प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह ने अरुण जेटली को लिखे इस पत्र में मांग रखी कि बिहार में बीजेपी ने नोटबंदी के बाद जिस तरीके से भारी तादाद में जमीन खरीदी है, उसकी जांच होनी चाहिए. जेडीयू का मानना है कि बीजेपी के खरीदे गए जमीनों की जांच इन तीन बिंदुओं पर होनी चाहिए.
1. फरवरी 2016 में के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार प्रदेश बीजेपी के तीन नेताओं को जमीन खरीदने के संबंध में अधिकृत किया था, ऐसे में स्वभाविक रुप से धन की व्यवस्था बीजेपी द्वारा की गई होगी. अगर यह सही है तो बीजेपी द्वारा बिहार बीजेपी को धन के हस्तांतरण के लिए उपयोग में लाए गए बैंक खाता संख्या औप उपलब्ध कराई गई राशि के विस्तृत ब्यौरे की जांच जरूर होनी चाहिए.
2. इस बात की भी जांच आवश्यक है कि बिहार समेत देश के विभिन्न बीजेपी द्वारा खरीदी गई जमीन के लिए धन की व्यवस्था का माध्यम क्या है?
गौरतलब है कि बीजेपी ने बिहार में नोटबंदी से ठीक पहले तकरीबन 31 जगहों पर जमीन खरीदी है जो कि मधेपुरा, कटिहार, मधुबनी, लखीसराय, किशनगंज और अरवल जिले में स्थित है. बीजेपी पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसने इन जमीन खरीद में कालेधन का इस्तेमाल किया है.