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अनुच्छेद 370 कश्मीर में नाइंसाफी का प्रतीक बन गया था: रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पिछले 70 साल से अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर में नाइंसाफी का प्रतीक बन चुका था. जम्मू कश्मीर के कुछ नेता इसका दुरुपयोग कर रहे थे.

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केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटोः India Today)
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटोः India Today)

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद रविवार को पहली बार पटना पहुंचे. एक कार्यक्रम में पहुंचे प्रसाद ने धारा 370 पर पत्रकारों से खुलकर बात की. प्रसाद ने कहा कि पिछले 70 साल से अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर में नाइंसाफी का प्रतीक बन चुका था. जम्मू कश्मीर के कुछ नेता इसका दुरुपयोग कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू कश्मीर में कई कानून लागू नहीं हुए और इनका फायदा वहां के लोगों को नहीं मिल सका. प्रसाद ने सवाल किया कि जम्मू कश्मीर की कोई मुस्लिम लड़की अगर राज्य के बाहर के किसी मुस्लिम युवक से भी शादी करती है, तो इस अनुच्छेद के कारण संपत्ति से उसका अधिकार खत्म हो जाता है. यह आखिर किस तरह का कानून है?

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केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि इस अनुच्छेद की वजह से जम्मू कश्मीर में आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिल पाता था. अब मोदी सरकार ने इस अनुच्छेद को ही समाप्त कर दिया है जिसके बाद जम्मू और कश्मीर के आदिवासियों को भी आरक्षण का पूरा लाभ मिलेगा.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त करना नरेंद्र मोदी सरकार की जीत नहीं, जम्मू और कश्मीर के लोगों का सम्मान है.

सोनिया के सवाल पर नहीं बोले प्रसाद

कांग्रेस में सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने को लेकर पूछे गए सवाल पर रविशंकर प्रसाद ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यकारिणी ने शनिवार की देर रात सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष चुना गया था. इस मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि एक बार फिर यह साबित हो गया है कि कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है.

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