स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना एक टीचर को उस समय महंगा पड़ गया, जब उसके पुलिसकर्मी पति ने उसे घर से निकाल दिया. अब पीड़िता ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है.
मामला बिहार के बेगूसराय जिले का है. पुलिस के अनुसार, छपरा की रहने वाली नाजिया का निकाह बेगूसराय जिले के बथौली गांव निवासी अली उमर खां के साथ साल 2003 में हुआ था. पति झारखंड के चतरा में पुलिस जवान के रूप में तैनात है, जबकि नाजिया मंझौल के मध्य विद्यालय में बतौर शिक्षिका कार्यरत हैं.
नाजिया का आरोप है कि वह 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने गई थी, उसके बाद उसके पति ने इसे शरीयत के खिलाफ बताते हुए घर से निकाल दिया. नाजिया ने अपने दो बच्चों के साथ शुक्रवार को बेगूयराय पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई है.
नाजिया का आरोप है कि निकाह के बाद से ही उमर खान पहले दहेज के लिए तंग करता था, अब नौकरी छोड़ने के लिए प्रताड़ित करता है. वह कहता है कि नौकरी छोड़ दो या मुझे छोड़ दो.
बेगूसराय के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के पति से बातचीत कर पहले मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. नहीं मानने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जानकार इसे गलत मानते हैं. मुफ्ती मोहम्मद खालिद हुसैन कासमी ने कहा कि राष्ट्रीय पर्व में हिस्सा लेना कहीं से भी शरीयत के खिलाफ नहीं है. यह महज बहाना है. यह बीवी से पीछा छुड़ाने का बहाना है.