
कोरोना संकट के दौर में केंद्र और बिहार सरकार गरीबों को दो महीने का मुफ्त राशन दे रही है. लेकिन गरीबों को कई जगह सड़े राशन परोसे जा रहे हैं. लोगों ने सड़े राशन को लेने से नकार दिया. खराब राशन की शिकायत एमओ से की गई लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
जिस खाद्यान्न को पशु भी नहीं खा सकते उसे अब गोपालगंज के गरीबों को दिया जा रहा है. ये मामला उस समय उजागर हुआ जब सिधवलिया प्रखंड के महम्मदपुर गांव के एक जन वितरण विक्रेता रंजय कुमार सिंह ने पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह से इसकी शिकायत की. वैसे तो लोगों द्वारा सड़े चावल लेने से इनकार करने के बाद उन्होंने सिधवलिया प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी (एमओ) से शिकायत की थी. हालांकि पदाधिकारी आए और नमूने ले गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
जन वितरण विक्रेता रंजय कुमार सिंह ने कहा कि एसएफसी गोदाम कोइनी से 22 मई को चावल लाया. उसे सड़ा हुआ चावल दे दिया गया. जिसे लोग भी नहीं ले जा रहे हैं. शिकायत एमओ से किया. वे नमूना ले गए पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उसके बाद पूर्व विधायक से शिकायत की.
गोपालगंज से पूर्व विधायक मंजीत कुमार सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और मुख्यमंत्री द्वारा मुफ्त अन्न गरीबों को इस कोरोना काल में दिया जा रहा है. सूचना मिली कि गरीबों को सड़े हुए चावल दिए जा रहे हैं. तथ्यों से अवगत हुए. राज्य खाद्य निगम के गोदाम से डीलरों को ये सड़े चावल दिए गए हैं. सिधवलिया एमओ ने जांच करने के बाद भी एसएफसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

उच्च गुणवत्ता वाला चावल दिलाएंगेः DM
करीब 20 बैग्स चावल को लेकर जन वितरण विक्रेता रंजय परेशान था, उसे जो समझ में आया वैसे उसने आवाज उठाई. पूर्व विधायक ने तथ्यों से अवगत होने के बाद राज्य खाद्य निगम के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया. नतीजा हुआ कि गोपालगंज के एसडीएम ने स्वयं मामले की जांच की.
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फलस्वरूप डीएम डॉक्टर नवल किशोर चौधरी ने दखल देते हुए ऐसे जन वितरण विक्रेता से कहा कि सड़े चावल को एसएफसी कोइनी गोदाम को वापस करने के लिए गोपालगंज एसडीएम को रिक्वेस्ट लेटर दे. खराब क्वालिटी का चावल है और उसे वापस करेंगे.
उन्होंने कहा कि तहकीकात कर एसएफसी को आपूर्ति करने वाले जिले के पैक्स या रैक पॉइन्ट के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. अगर जिले के पैक्स द्वारा आपूर्ति पाई गई तो उनसे रिकवरी की जाएगी अन्यथा रैक पॉइंट का चावल पाया जाएगा तो उसके वरीय अधिकारी को डीएम पत्र देंगे.
डीएम के मुताबिक उचित गुणवता का चावल इन दो सोर्स से वसूला जाएगा. फिलहाल आम जनता को उचित गुणवत्ता का चावल मुहैया कराया जाएगा.
फिलहाल मुफ्त राशन तो सरकार द्वारा मई और जून महीने में ही मिलेगा. मई महीना समाप्त हो गया, पर जून महीने में कैसे मिलेगा वो तो समय ही निर्धारित करेगा.