चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं. सीबीआई कोर्ट मामले में राजद प्रमुख को तीन जनवरी को सजा सुनाएगी. इससे पहले उन्हें शेष दिन जेल में काटने होंगे, उसके बाद ही वे सजा के खिलाफ ऊपरी कोर्ट में अपील कर पाएंगे.
लालू को दोषी करार दिए जाते ही बिहार की राजनीति में उबाल आ गया है. आरजेडी नेताओं ने बीजेपी और नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रांची कोर्ट रूप से बाहर निकलते ही लालू के खास आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि जगन्नाथ मिश्रा को बेल, लालू को जेल... यही है नरेंद्र मोदी का खेल. उन्होंने कहा कि हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे और जनता के बीच लड़ाई लड़ते रहेंगे.
रघुवंश प्रसाद ने कहा कि एक ही मामले में एक व्यक्ति को बेल और एक व्यक्ति को जेल... ये कैसे हुआ है. जगन्नाथ मिश्र को जमानत कैसे मिल गई. ये कानून सम्मत नहीं है. हम विचलित नहीं होने वाले हैं. आरजेडी पहले से ही सड़क पर है. पार्टी एकजुट है और हम और आगे बढ़ेंगे.
'पिछड़ी जाति के चलते लालू को निशाना बनाया जा रहा'
लालू को दोषी करार दिए जाने के मिनटों के भीतर ही आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने दिल्ली में मोर्चा संभाला और कहा कि पिछड़ी जाति के होने के चलते लालू को जान बूझकर निशाना बनाया गया है. झा ने कहा कि मुझे न्यायपालिका में विश्वास है, लेकिन इस मामले में सीबीआई अभियोजन को अरेंज कर रही है.
उन्होंने कहा कि हमने इस मामले में सबूत उपलब्ध कराए लेकिन उन पर कोर्ट ने कोई ध्यान नहीं दिया. झा ने कहा कि हमारे पास सबूत हैं और हाईकोर्ट जाकर अपील करेंगे.
मनोज झा ने कहा कि जहां तक सियासत की बात है, तो इस सत्ता को हम जानते हैं. ये उनका काम करने का तरीका है. सत्ता में बैठे लोग विपक्ष के साथ सौदा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन असफल रहने पर उन्हें डराते हैं.
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि आपकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले के देवघर कोषागार केस में रांची की सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया है. उनके अलावा ध्रुव भगत को भी बरी कर दिया गया है. कुल 22 आरोपियों में से 6 लोगों को बरी किया गया है. इनमें दो महिलाएं भी हैं.