बिहार की राजधानी पटना में रविवार से बवाल मचा हुआ है. ये बवाल राजीव नगर स्थित नेपाली कॉलोनी का है. यहां रविवार को हजारों की संख्या में पुलिसकर्मी और दर्जनों बुलडोजरों ने पहुंचकर 70 अवैध मकानों को गिरा दिया. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों में झड़प भी हुई. ये झड़प हिंसा में बदल गई. पुलिस ने इस हिंसा में दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल, एहतियात के तौर पर नेपाली नगर और आसपास के इलाकों में धारा 144 लगा दी गई है.
प्रशासन की ये पूरी कार्रवाई 40 एकड़ जमीन पर अवैध मकानों के खिलाफ थी. प्रशासन का दावा है कि लोगों को एक महीने पहले ही घर खाली करने का नोटिस दे दिया गया था, बावजूद इसके लोग यहां रह रहे थे. और जब रविवार सुबह प्रशासन अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो स्थानीय लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं, भीड़ की पत्थरबाजी में एसपी सिटी (पटना सेंट्रल) अम्बरीश राहुल घायल हो गए.
लोगों ने पुलिस पर गैस सिलेंडर फेंके
डीएम चंद्रशेखर सिंह ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस पूरी कार्रवाई में 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी और 12 बुलडोजरों का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने बताया कि नेपाली कॉलोनी में लैंड माफिया एक्टिव हैं. उन्होंने पहले तो सरकारी जमीन पर कब्जा किया और फिर उसे बेच रहे हैं. लैंड माफियाओं ने इस अतिक्रमण को रोकने के लिए सारी कोशिशें कर लीं. अदालत भी चले गए, लेकिन कोर्ट ने इलाके से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस पर पथराव और हिंसा करने के आरोप में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. बाकी वीडियोज भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि हिंसा करने वालों की पहचान की जा सके. उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने एलपीजी सिलेंडर भी फेंके थे. इनमें से कुछ खाली सिलेंडर थे, तो कुछ भरे थे. गनीमत रही कि भरे सिलेंडर फटे नहीं, वरना एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी.
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डेढ़ महीने पहले भेज दिया था नोटिस
पुलिस ने बताया कि राजीव नगर में बने 90 अवैध मकानों को खाली करने के लिए डेढ़ महीने पहले नोटिस भेज दिया था. नोटिस जारी करने के बाद भी लोग घर खाली नहीं कर रहे थे और लोगों ने सड़क जाम कर दी थी.
पुलिस ने बताया कि इस इलाके में 5 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. डीएम सिंह के मुताबिक, 40 एकड़ जमीन पर 90 अवैध मकान बने हुए थे, जिन्हें बुलडोजर से हटा दिया गया.
डीएम ने रविवार सुबह बताया था कि इस जमीन में लैंड माफिया एक्टिव हैं. हमने विज्ञापन भी दिया है कि इस जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती, लेकिन फिर भी इसको बेचा जा रहा है.
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इस जमीन पर विवाद क्यों?
राजीव नगर-दीघा इलाके में 1024 एकड़ जमीन पर मकान बने थे. ये पूरा विवाद 1974 में तब शुरू हुआ, जब बिहार हाउसिंग बोर्ड ने रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए यहां के किसानों से जमीन खरीदनी शुरू की. लेकिन किसानों ने आरोप लगाया कि जमीन अधिग्रहण के बावजूद उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया. मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया.
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिया कि वो किसानों को ब्याज के साथ मुआवजा दे. हालांकि, अब तक बोर्ड ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. हाउसिंग बोर्ड के इस रवैये से नाराज होकर किसानों ने अपनी जमीन बेचनी शुरू कर दी और पूरे विवाद की शुरुआत यहीं से हुई.
मौजूदा हालात क्या हैं?
अभी राजीव नगर में 10 हजार से ज्यादा घर बने हुए हैं. इनमें आईएएस, आईपीएस, जज और सरकारी अफसरों के घर शामिल हैं. इसी बीच बिहार हाउिसंग बोर्ड ने CRPF, SSB, CBSE और राजीव नगर पुलिस स्टेशन के लिए कई प्लॉट का आवंटन भी कर दिया है.
(इनपुटः रोहित कुमार सिंह और एजेंसी)