पटना में बारिश थम गई है और इलाकों में जमा पानी भी धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन इस बीच जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. पटना पर डेंगू का प्रकोप सबसे खतरनाक दिख रहा है क्योंकि अब तक 640 मामले सामने आए हैं. पूरे बिहार में डेंगू के 900 मामलों का पता चला है, जिनमें 640 सिर्फ पटना से प्रकाश में आए हैं.
Sanjay Kumar, Principal Secy, Health, Bihar: The team of experts has also told us that vector density of mosquitoes is increasing. 24 teams are spraying 'Temefos' in Patna to kill mosquitoes. Till now, 900 cases of dengue have come to light in the state, incl 640 cases in Patna. pic.twitter.com/Rg1sj6KuE6
— ANI (@ANI) October 6, 2019
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, विशेषज्ञों की टीम से पता चला है कि मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. पटना में मच्छरों को मारने के लिए 24 टीमें बनाई गई हैं जिसके कर्मचारी टेमफॉस दवा का छिड़काव कर रहे हैं. पूरे प्रदेश में 900 मामले सामने आए हैं जिनमें 640 मामले पटना से हैं. हालांकि संजय कुमार ने आश्वस्त किया कि वेक्टर जनित बीमारियों के पनपने की कोई आशंका नहीं है.
पानी से आने लगी दुर्गंध
बता दें, बिहार की राजधानी पटना में भारी बारिश के बाद जलजमाव की वजह से नारकीय जीवन जी रहे लोगों को अभी राहत नहीं मिल पा रही है. पानी में डूबे क्षेत्रों में अब पानी काला हो गया है और सड़ने लगा है, जिससे दुर्गंध आने लगी है. लोग अब घरों की खिड़कियां बंद कर रखने लगे हैं. इस बीच अब उन इलाकों में बीमारी फैलने की आशंका बन गई है. पटना के जलजमाव वाले क्षेत्र कंकड़बाग और राजेंद्रनगर के लोग अब मच्छरों से भी परेशान हैं. लोग अब बीमारी फैलने की आंशका से डरे हुए हैं.
सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
हालांकि सरकार भी बीमारियों को लेकर सचेत दिख रही है. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राजधानी के हर इलाके में जलजमाव से होने वाली बीमारियों के मद्देनजर पटना जिले के सभी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. जिन अस्पतालों में जलजमाव के कारण मरीज नहीं पहुंच पा रहे थे, उन्हें वैकल्पिक जगहों पर शुरू किया गया है और सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है.
बीमारियों का बढ़ा खतरा?
पटना के सिविल सर्जन आर के चौधरी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि अब जलजमाव के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ गया है और इसके मद्देनजर अस्पताल में जरूरी सभी दवाओं का स्टॉक रखा गया है.
उन्होंने बताया कि बांटी जा रही राहत सामग्री में भी जरूरी दवाइयां पारासिटामाल, ओआरएस, ओंडेम, जिंक आदि दवाओं को एक पैकेट में बांध कर दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जहां भी जमीन सूख रही है, उन इलाकों में ब्लीचिंग पाउडर और चूने का छिड़काव किया जा रहा है.