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लोन दिलाने के नाम पर इस युवक ने की ऐसी ठगी, गिरफ्तारी के लिए PMO को देना पड़ा आदेश

मूलतौर पर समस्तीपुर का रहने वाला मोनू पंजाब में काम करता था और वहीं उसने लोन दिलवाने के नाम पर कई लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया था. साइबर क्राइम की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जब दमन और दीव की पुलिस ने पंजाब से मोनू को गिरफ्तार किया तो उसका तार बिहार की राजधानी पटना से जुड़ा हुआ पाया.

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ठगी के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
ठगी के आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लोन दिलाने के नाम पर ठगी, पीएमओ के आदेश पर गिरफ्तार
  • पटना से दमन-दीव पुलिस ने राकेश को किया गिरफ्तार

अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो आखिरकार कानून के पंजे में फंस ही जाता है. कुछ ऐसा ही हुआ पटना में जहां सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर पटना और दमन-दीव पुलिस ने मिलकर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. बता दें कि कुल 8 अपराधियों को पकड़ने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने आदेश जारी किया था.

दरअसल मूलतौर पर समस्तीपुर का रहने वाला मोनू पंजाब में काम करता था और वहीं उसने लोन दिलवाने के नाम पर कई लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाया था.

साइबर क्राइम की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जब दमन और दीव की पुलिस ने पंजाब से मोनू को गिरफ्तार किया तो उसका तार बिहार की राजधानी पटना से जुड़ा हुआ पाया. 

मोनू की निशानदेही पर पुलिस को साइबर अपराध में उसका साथ देने वाले राकेश उर्फ साहिल के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद दमन-दीव पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आदेश लेकर पटना पुलिस के साथ मिलकर राकेश को भी गिरफ्तार कर लिया.

जांच में सामने आया कि मोनू के खाते में बीते तीन महीने में 70 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था. उसके खाते से 12 लाख रुपये निकाले गए थे. ये दोनों लोगों को लोन दिलवाने के नाम पर ठगी का शिकार बनाते थे और फिर उन पैसों को अपने अकाउंट में भेज लेते थे.

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इन दोनों शातिर ठगों ने कई बैंक खातों को 10-10 हजार के किराये पर अन्य साइबर अपराधियों को दे दिया था जो अपनी सुविधा के मुताबिक इनका इस्तेमाल करते थे. दमन-दीव पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए जाल बिछाया और पटना पुलिस के साथ मिलकर कदमकुंआ थाना क्षेत्र के लोहानीपुर से गिरफ्तार कर लिया.

पूछताछ में सामने आया कि दोनों शातिरों ठगों के खाते में करोड़ों रुपये आते थे.  देश के कई राज्यों में साइबर अपराध की घटनाओं के बाद दमन और दीव पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से अन्य राज्यों में छापेमारी का आदेश लिया था.  पीएमओ से आदेश मिलने के बाद पुलिस ने पंजाब और बिहार में छापेमारी की.

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