बिहार में आरजेडी-एलजेपी और कांग्रेस के महागठबंधन पर बिखरने के आसार दिखने लगे हैं. जिस आरजेडी-एलजेपी और कांग्रेस की महागठबंधन की बात बिहार में चल रही है उसमें रामविलास पासवान की उपेक्षा, पार्टी को नागवार गुजर रही है. सीट बंटवारे पर पासवान को लालू का फार्मूला भी कतई मंजूर नहीं है साथ ही लालू और उनके नेताओं के बोल भी पासवान को अब नागवार गुजर रहे हैं तो क्या इस गठबंधन से पासवान अलग हो जाऐंगे, ये सवाल फिर खड़ा होने लगा है.
आरा से रामा सिंह, नवादा से सूरजभान सिंह ये वो दो सीटें हैं जिन्हें इस बार लालू किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं हैं. पासवान को लालू का इशारा ही काफी था. हालांकि, पासवान ने अबतक खुलकर गठबंधन के खिलाफ नहीं बोला है लेकिन उनकी नाराजगी साफ होती जा रही है.
लालू यादव ने कहा कि इस बार यहां से क्रिमिनल को सीट नहीं देंगे और ये रामविलास पासवान को चुभ गया. जिस क्रिमिनल को टिकट ना देने की बात लालू कर रहे थे दरअसल वो पासवान के उन सीटों (आरा और नवादा) पर दावा छोड़ने का इशारा था जिसे पिछली बार पासवान ने लालू यादव से लिया था.
एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा, 'कोई साफ पिक्चर नजर नहीं आ रहा है, लालूजी और तमाम नेताओं का बयान आ रहा है कि सभी सेक्युलर ताकतों को एक साथ आना चाहिए लेकिन कैसे आएगी, उसपर जो बातचीत होनी चाहिए वो शुरू ही नहीं हुई है. जब हमारी और आरजेडी की ही बातचीत नहीं हो पा रही है तो कांग्रेस से कैसे होगी.’
जेल से बाहर आते ही लालू यादव ने पहले तो दागियों और क्रिमिनल्स को टिकट ना देने की बात कर रामविलास पासवान को इशारा कर दिया कि वो इस बार उनकी नहीं सुनेंगे. साथ ही पार्टी के दूसरे नेताओं ने साफ कर दिया कि चाहे जो भी पार्टी हो, उसे उसकी औकात के हिसाब से टिकट मिलेगा.
पासवान की नाराजगी के बावजूद आरजेडी के बड़े नेता एलजेपी को ज्यादा तरजीह देने के मूड में नहीं हैं. पार्टी के बड़े नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘पहले अपना अपना उम्मीदवार दिखाएं और जिसके जो उम्मीदवार लड़ने लायक होंगे उसे लड़ाया जाएगा. ये नहीं होगा कि सीट लेकर उम्मीदवार खोजते फिरें. उनके पास लड़ने वाले होंगे, उतने पहलवान दिखाएं और सीट लें. पर सीट लेकर आदमी खोजेंगे ऐसा इस बार ये नहीं चलेगा.’
पिछली लोकसभा चुनाव में लालू ने कांग्रेस को दरकिनार कर पासवान को 12 सीटें दी थी और वो सभी सीटें एलजेपी हार गई थी.
अन्दरखाने की खबरों के मुताबिक इस बार भी पासवान उतनी ही सीटों की उम्मीद कर रहे थे लेकिन लालू इस बार महागठबंधन बनाने की बात कर पासवान को चार से ज्यादा सीटें देने पर राजी नहीं हैं. ऐसे में पासवान ने गठबंधन पर सवाल उठा दिया है. अब देखना ये होगा कि क्या पासवान इस गठबंधन में रहते हैं या फिर नीतीश का दामन थामते हैं.