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बिहार में कोरोना की बेकाबू रफ्तार, 24 घंटे में रिकॉर्ड 15853 नए मामले

बढ़ते मामलों के बीच बिहार ने नया कोरोना रिकॉर्ड कायम कर दिया है. पिछले 24 घंटे में राज्य में सबसे ज्यादा 15853 नए मामले सामने आए हैं. ये बिहार के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

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बिहार में बेकाबू कोरोना ( फोटो-गेटी इमेज)
बिहार में बेकाबू कोरोना ( फोटो-गेटी इमेज)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार में टूटा कोरोना रिकॉर्ड
  • 24 घंटे में रिकॉर्ड 15853 नए मामले
  • नाइट कर्फ्यू दिख रहा बेअसर

बिहार में कोरोन की रफ्तार अब डराने लगी है. जिस राज्य में पहली लहर के दौरान कम मामले देखने को मिले थे, अब स्थिति पूरी तरह पलट गई है. मामले भी फुल स्पीड से बढ़ रहे हैं और मौतें भी काफी ज्यादा हो गई हैं. बढ़ते मामलों के बीच बिहार ने नया कोरोना रिकॉर्ड कायम कर दिया है. पिछले 24 घंटे में राज्य में सबसे ज्यादा 15853 नए मामले सामने आए हैं. ये बिहार के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

बिहारा में टूटा कोरोना रिकॉर्ड

पिछले कई दिनों से बिहार में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं. राजधानी पटना में स्थिति हर बीतते दिन के साथ बदतर होती दिख रही है. पटना लगातार संक्रमण का केंद्र बिंदु बना हुआ है और पिछले 24 घंटे में 2844 नए मामले सामने आए हैं. वहीं  गया, नालंदा, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, पश्चिम चंपारण और समस्तीपुर में भी स्थिति बिगड़ती दिख रही है जहां पर मामले अब 500 से ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं. गया में जहां पिछले 24 घंटे में 1203 मामले सामने आए वही नालंदा में 881, बेगूसराय में 786, मुजफ्फरपुर में 638, पूर्णिया में 613, पश्चिम चंपारण में 573 और समस्तीपुर में 500 नए मामले सामने आए हैं.

राज्य में लगेगा लॉकडाउन?

सीएम नीतीश कुमार के लिए चिंता का सबब ये है कि नाइट कर्फ्यू लगाने के बावजूद भी राज्य में स्थिति सुधरती नहीं दिख रही है. कोरोना का ग्राफ सिर्फ ऊपर की तरफ जाता ही दिख रहा है, ऐसे में सख्त कदम की आवश्यकता दिखाई पड़ रही है. अभी तक बिहार सरकार ने राज्य में लॉकडाउन की पैरवी नहीं की है, लेकिन उनके कुछ मंत्री जरूर इसकी मांग रख चुके हैं. विपक्षी पार्टी के नेता भी सरकार पर लॉकडाउन का प्रेशर बना रहे हैं, लेकिन इस पर किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में सीएम नीतीश कुमार की चुनौती बढ़ने जा रही है और वे कुछ कठोर फैसले उठाने लिए भी मजबूर हो सकते हैं.

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वैसे दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. कई ऐसे अस्पताल हैं जहां पर बेड भी फुल बताए जा रहे हैं और ऑक्सीजन की आपूर्ति भी समय रहते नहीं हो रही है. इस वजह से मरीज भी सिर्फ एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं.

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