देश में कोविड-19 के वैक्सीन की अलग-अलग कीमत को लेकर मचे बवाल के पीछे बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने एक नया फार्मूला दिया है. सुशील मोदी ने कहा है कि जो लोग संपन्न हैं और वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं. उन्हें सरकार के द्वारा यह विकल्प दिया जाना चाहिए कि वह ऐसा करें.
हालांकि, मोदी का कहना है कि सरकार का यह विकल्प संपन्न लोगों के लिए बाध्यकारी नहीं होना चाहिए बल्कि स्वैच्छिक होना चाहिए. मोदी ने किसी भी राज्य का नाम नहीं लिया मगर माना जा रहा है कि उनका इशारा और राज्य सरकारों के तरफ से जो अपने अपने प्रदेश में मुफ्त टीकाकरण करवा रही है जिसमें बिहार में शामिल है.
मोदी ने माना कि 1 मई से जब 18 साल से 45 साल की सीमा के लोगों के टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू होगा तो इसकी वजह से सरकार के संसाधनों पर भारी दबाव पड़ेगा. इस हालात से निपटने के लिए मोदी ने यह फार्मूला सुझाया है कि कोविड-19 के दोनों टीके का कोई न्यूनतम मूल्य तय किया जाना चाहिए और यह विकल्प दिया जाना चाहिए कि जो लोग टीके की कीमत चुका सकते हैं वह ऐसा अवश्य करें.
सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, “यदि राज्य सरकार ने वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दिया तो गरीबों के टीकाकरण और इलाज के लिए ज्यादा संसाधन होंगे. प्रधानमंत्री की अपील पर जैसे समाज के समर्थ लोग गैस सिलेंडर की सब्सिडी छोड़ चुके है वैसे ही इस कठिन दौर में वैक्सीन की कीमत चुकाने में भी पीछे नहीं रहेंगे.”
गौरतलब है कि भारत बायोटेक और सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा वैक्सीन की अलग-अलग कीमत रखने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. एक तरफ जहां भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की कीमत राज्यों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपये है. वही सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड राज्यों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये की दर से खरीदनी पड़ेगी.