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अहंकारी हो गए हैं नीतीश कुमार: शिवानंद तिवारी

जेडीयू से राज्यसभा टिकट नहीं दिए जाने से नाराज शिवानंद तिवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है. शिवानंद ने रविवार को कहा कि जो उनके सुर में सुर नहीं मिलाएगा उसकी जेडीयू में जगह नहीं.

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शिवानंद तिवारी
शिवानंद तिवारी

जेडीयू से राज्यसभा टिकट नहीं दिए जाने से नाराज शिवानंद तिवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अहंकारी होने का आरोप लगाया है. शिवानंद ने रविवार को कहा कि जो उनके सुर में सुर नहीं मिलाएगा उसकी जेडीयू में जगह नहीं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को लिखे एक पत्र में शिवानंद ने नीतीश यह आरोप लगाया है.

जेडीयू ने शिवानंद को इस बार राज्यसभा का टिकट न देकर उन्हें चुनाव लड़ने को कहा था, जिससे उन्होंने इंकार करते हुए 29 जनवरी को वशिष्ठ नारायण सिंह को पत्र लिखकर नीतीश के विरोध का बिगुल फूंक दिया था. उन्होंने सिंह को लिखा है, ‘आपने सुझाव दिया कि इस दफा नए चेहरों को राज्यसभा में भेजा जाए और नीतीश कुमार ने सहज भाव से इसे मान लिया. सुनने में यह कितना निर्दोष लगता है. हमलोग तीस-पैंतीस सालों से एक-दूसरे को जानते हैं. एक दूसरे को जानने-समझने के लिए यह अरसा काफी है. इसलिए आपकी सफाई पर मुझे हंसी आई.’

शिवानंद ने अपने पत्र में आगे लिखा है, ‘आप लोगों ने जब फैसला लिया, उसके चार-पांच रोज पहले आपने फोन पर मुझसे जानना चाहा था कि क्या कभी मेरे चुनाव लड़ने की भी बात थी. मैने पूरी पृष्ठभूमि बताते हुए स्पष्ट कर दिया था कि अब चुनाव लडना मेरे लिए मुमकिन नहीं है.’

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राज्यसभा में इस बार जेडीयू द्वारा टिकट नहीं देकर चुनाव लड़ने को कहे जाने वाले दूसरे पार्टी सांसद एनके सिंह के बारे में शिवानंद तिवारी ने कहा कि क्या वे चुनाव लड़ने वाले हैं. शिवानंद ने कहा है कि दिग्विजय तो उनकी जमात के बडे़ नेता थे. किसी से भी उनका कद छोटा नहीं था. फिर उनका टिकट कैसे कट गया था. वह बहादुर आदमी थे. साधन संपन्न थे. नीतीश कुमार की तानाशाही को मुद्दा बनाकर वे चुनाव लडे़ और जीते. दुर्भाग्य से चुनाव के कुछ ही दिनों बाद उनकी मौत हो गयी. लोग कहते हैं कि चुनाव में अतिशय परिश्रम उनकी मौत की वजह थी.

उन्होंने कहा कि एन.के. सिंह को बांका से चुनाव लड़ने के लिए कहे जाने का क्या मतलब. अगर हार जाएं तो तोहमत एन.के. सिंह पर लगे. एन.के. सिंह को नीतीश की छवि चमकाने का यही पुरस्कार मिला. शिवानंद ने सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने साबिर अली के विषय में कुछ नहीं कहा. उनको तो दोबारा राज्यसभा में भेजने का वचन नीतीश ने दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि असल में यहां सवाल नीतीश कुमार के अहंकार का है और वे सोचते हैं जेडीयू के सर्वेसर्वा वे ही हैं, उनके अलावा दूसरा कोई नहीं है. जो मेरे सुर में सुर नहीं मिलाएगा. इस पार्टी में उसकी जगह नहीं है.

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शिवानंद ने कहा, ‘यदा-कदा उनका सुर नीतीश के सुर से अलग होता था. मुझे दुख है कि मेरी वजह से दो निर्दोष लोग (एन.के. सिंह और साबिर अली) हलाल हो गए.’ शिवानंद ने सिंह को लिखे पत्र का अंत एक शेर ‘बंदगी हमने छोड़ दी है फराज, क्या करें लोग जब खुदा हो जाएं’ से किया है.

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