लोक आस्था और भगवान सूर्य की आराधना के महापर्व छठ के अवसर पर बिहार में राजनेताओं में भी भाईचारा दिखाया. पार्टी भेद भुलाकर राजधानी पटना में राजनेताओं ने एकसाथ छठ मनाया और भगवान सूर्य की उपासना की. इस दौरान कई नेताओं ने पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया तो कई ने छठ घाटों का भ्रमण किया. कई नेता राजनेताओं के आवास पर आयोजित छठ अनुष्ठान में ही सहभागिता करने पहुंचे.
इस पूरी कवायद में हमेशा की तरह सबसे आगे लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख और केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान रहे. वह पत्नी रीना पासवान, पुत्र एवं पार्टी सांसद चिराग पासवान और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस के साथ अपनी समधिन और बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य ज्योति के पटना स्थित आवास पर अनुष्ठान में हिस्सा लेने पहुंचे. पासवान ने कहा, 'छठ बिहार का सबसे बड़ा पर्व है. राजनीतिक मतभेद मायने नहीं रखता. ज्योति हमारी समधिन हैं और हमारी सबसे छोटी पुत्री डॉली उनके पुत्र अरूण भारती की पत्नी हैं.'
उन्होंने कहा कि ज्योति खुद छठ का व्रत करती हैं और वे उनके घर आयोजित होने वाले छठ अनुष्ठान में 2005 से लगातार शामिल होते आए हैं. दूसरी ओर, इस साल भी जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के घर पर छठ पर्व नहीं मनाया गया. लालू के घर पर उनकी पत्नी और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी छठ व्रत रखा करती थीं, लेकिन हृदय रोग के इलाज के बाद लालू दिल्ली में हैं और पटना के उनके दस सर्कुलर रोड स्थित आवास पर इस बार छठ पूजा का आयोजन नहीं हुआ.
नीतीश ने हालांकि बिहार विधान परिषद में जेडीयू सदस्य रणबीर नंदन के घर पर आयोजित अनुष्ठानों में भाग लिया, लेकिन जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो उनके सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर उनकी बहन छठ व्रत रखा करती थीं. प्रदेश के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी छठ पर्व मनाने गया जिला स्थित अपने गांव महकार नहीं जा सके. मांझी की पत्नी शांति देवी ने उनकी अनुपस्थिति में उनके पैतृक गांव में छठ पर्व मनाया. छठ पर्व के अवसर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने पटना में स्टीमर के जरिए गंगा किनारे स्थित विभिन्न घाटों का भ्रमण किया.
-इनपुट भाषा से