कोरोना संक्रमण के बीच अब एक और बीमारी ने बिहार में दस्तक दे दी है. बिहार के मुजफ्फरपुर में एमआईएस-सी का पहला मरीज मिला है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम से पीड़ित एक बच्ची भर्ती हुई है.
कोविड-19 ग्रुप की खतरनाक बीमारी एमआईएस-सी (मल्टीसिस्टम इंफ्लैमेटरी सिंड्रोम-इन चिल्ड्रन) ने मीनापुर की एक बच्ची को चपेट में ले लिया है. तीन साल की पीड़ित बच्ची मेथनापुर की रहने वाली है. वह गुरुवार को भर्ती हुई थी. डॉक्टर ने शुक्रवार को जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे एमआईएस-सी का पहला केस बताया जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.
बच्ची को पीआईसीयू वार्ड में भर्ती करके डॉ. गोपाल शंकर सहनी के यूनिट में इलाज किया जा रहा है. डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की हालत गंभीर है. यह पोस्ट कोविड बीमारी है. बच्ची के फेफड़े के साथ किडनी, लिवर और अन्य अंगों को संक्रमित करती है. डी-डाइमर तीन हजार से अधिक बढ़ा हुआ है.
क्या हैं MCS-C के लक्षण
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि एमआईएस-सी बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी है. यह 3 साल से लेकर किशोर अवस्था तक के बच्चों को हो सकती है. यह पोस्ट कोविड बीमारी है जो बच्चों के फेफड़े के साथ किडनी, लिवर और अन्य अंगों को संक्रमित करती है. समय पर इलाज हो तो इसका इलाज पूरी तरह से संभव है.
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डॉ. गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि यदि बच्चे को बुखार, उल्टी, लूज मोशन के अलावा आंखें और होठ लाल होते दिखें तो तुरंत मेडिकल चेकअप करवाएं. क्योंकि समय पर ट्रीटमेंट शुरू होने से इसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है और बच्चे को गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है. ये बहुत जरूरी है कि जब भी ये लक्षण दिखे तुंरत डॉक्टर से सम्पर्क करें. SKMCH में इसके इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है.
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