बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को न्याय संगत मांग बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि भारत की विकास दर कुछ विकसित प्रदेशों के विकास दर पर निर्भर है. यह समावेशी विकास नहीं है, इसलिए आर्थिक नीति में बदलाव लाया जाए.
सरकार का सातवां वाषिर्क रिपोर्ट कार्ड शनिवार को जारी करते हुए नीतीश ने कहा कि आज देश के विकास में इतना उतार-चढाव है क्योंकि यहां की आर्थिक नीति ऐसी है कि कुछ चुनिंदा विकसित प्रदेशों के ऊपर ही भारत का विकास दर निर्भर करता है.
नीतीश ने कहा कि भारत के गैर विकसित प्रदेशों का अगर विकास किया जाए तो राष्ट्रीय विकास दर पूरे देश के विकास दर पर निर्भर करेगी. नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में सांप्रदायिक एवं सामाजिक सौहार्द बढ़ाने के साथ समाज के हर तबके को जोड़ने का काम किया है ऐसे में चाहे वह नारी सशक्तिकरण, अल्पसंख्यक हो या हाशिये पर चले गए लोग हों सभी के कल्याण की योजनाएं चलायी जा रही हैं.
नीतीश ने कहा कि चाहे वह आधारभूत संरचना का सवाल हो या सुशासन का प्रश्न उसमें कोताही नहीं बरतनी चाहिए और अब हमारा जोर सामाजिक आधारभूत संरचना के निर्माण पर है. उन्होंने कहा कि आज बिहार में मानव विकास सूचकांक में बढ़ोतरी हुई है और मंत्रिमंडल के स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता और बाल अधिकार प्रदेश में मिशन मानव विकास का गठन किया गया है तथा उस स्तर से निगरानी हो रही है.
उन्होंने कहा कि यहां की उपजाऊ मिट्टी, आबो-हवा विरासत है. हमारा एक ही लक्ष्य है कि न्याय के साथ विकास के मार्ग पर चलते रहें तथा परिस्थितियों से जूझते हुए धैर्य के साथ संकट का मुकाबला करने के साथ चुनौतियों को अवसर में तब्दील करते रहें.
नीतीश ने कहा कि सबकी ताकत की बदौलत आज बिहार आगे बढ रहा है, जिसकी चर्चा देश और दुनिया में जरूर हो रही है. लेकिन इस गति से बढ़ने में राष्ट्रीय औसत तक पहुंचने में 25 वर्ष लगेंगे. इसलिए हमारी मांग है कि प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए.
उन्होंने कहा कि चाहे वह प्रति व्यक्ति आय, निवेश, मानव विकास सूचकांक या आधारभूत हर मामले में राष्ट्रीय बिहार राष्ट्रीय औसत से हमारी दूरी सबसे ज्यादा है, बल्कि आज देश में विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों से भी यह प्रदेश पीछे है.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की वर्तमान औद्योगिक नीति के कारण विभिन्न इकाईयों में 412 करोड रुपये का लाभ हुआ और 143 औद्योगिक इकाईयों का कार्य अंतिम चरण में है और 89 इकाईयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जिसमें से 54 कृषि प्रसंस्करण से जुडी हुई हैं.
नीतीश ने कहा कि वो प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर हैं, क्योंकि इससे यहां निवेश बढ़ेगा. उनकी सरकार ने नए सिरे से औद्योगिक विकास प्रोत्साहन परिषद का गठन किया है, जिसमें देश के नामी-गरामी उद्योगपति और आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ शामिल है.
इसकी एक बैठक हो चुकी है. सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए नीतीश ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के मामले में हम कतई बर्दाश्त की नीति रखते हैं और इसके खिलाफ लड़ाई सदैव जारी रहेगी. हर स्तर पर फैले भ्रष्टाचार से जनता को निजात दिलाने के लिए सरकार ने अनेक पहल की है और संस्थागत इंतजाम किए हैं.’
उन्होंने कहा कि पिछले साल बिहार में विशेष न्यायालय विधेयक बनाए और भ्रष्ट लोकसेवकों द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अर्जित संपत्ति को जब्त किया जा रहा है और बच्चों के लिए स्कूल खोले जा रहे हैं. नीतीश ने कहा कि प्रदेश में एक सशक्त और व्यापक लोकायुक्त अधिनियम बनाने में कामयाब हुए और उसे साधन संपन्न बनाया जा रहा है.