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बिहार: चमकी बुखार से 22 दिनों में 63 बच्चों की मौत, नहीं थम रहा मौत का सिलसिला

बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चमकी बुखार को मेडिकल भाषा में Acute Encephalitis Syndrome कहा जाता है. इस बीमारी से पिछले 20 से 22 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार में चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. चमकी बुखार को मेडिकल भाषा में Acute Encephalitis Syndrome (AES) कहा जाता है. इस बीमारी से पिछले 20 से 22 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जानकारी दी थी कि अब तक 57 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन ये अब आंकड़े अब बढ़ गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक 46 बच्चों की मौत मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में हुई, जबकि 8 बच्चे केजरीवाल हॉस्पिटल में मरे हैं. 3 बच्चों की मौत दूसरे अस्पतालों में हुई है. बच्चों की मौतों पर घिरती नीतीश सरकार अब एक्शन में आ गई है. शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे और इंसेफेलाइटिस वार्ड का निरीक्षण किया.

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि डॉक्टरों को सारे निर्देश दिए गए हैं और बच्चे की विशेष निगरानी की जा रही है. बता दें कि मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का मुख्य रूप से इलाज चल रहा है. बता दें कि चमकी बुखार के लक्षणों में लगातार तेज बुखार चढ़े रहना, बदन में ऐंठन, दांत चढ़े रहना, सुस्ती और कमजोरी शामिल है.

चमकी बुखार के चपेट में गरीब परिवारों के बच्चे आ रहे हैं. मृतक बच्चों में से अधिकांश की आयु 1 से 7 वर्ष के बीच है. गौरतलब है कि इस बीमारी के लक्षणों और कारणों का देश के विशेषज्ञ अध्ययन कर चुके हैं. दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के विशेषज्ञों की टीम और पुणे के नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की टीम भी इस बीमारी पर रिसर्च कर रही है.

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