हिंदुस्तान की आजादी के इतने साल गुजर जाने के बावजूद बेरोजगारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. आलम यह है कि सरकारी विभाग में ग्रुप डी की भर्ती में मारामारी मच रही है. बिहार में ग्रुप डी के 186 पदों के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संख्या का हैरान करने वाला आंकड़ा सामने आया है. इससे बिहार के शिक्षामंत्री और जेडीयू नेता केएन प्रसाद वर्मा भी बेहद परेशान हैं.
बिहार के शिक्षामंत्री केएन प्रसाद वर्मा ने बताया कि सूबे में ग्रुप डी के 186 पदों के लिए 5 लाख आवेदन आए हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि सूबे में जबरदस्त बेरोजगारी है. नौकरी बेहद सीमित हैं, जबकि आवेदन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस समस्या के समाधान के लिए नई तकनीक अपनाने की जरूरत है.
Bihar Education Min & JDU leader KN Prasad Verma on '5 lakh applications have been received for 186 Group-D posts': It is because there is unemployment. Number of jobs is limited, while number of candidates is increasing. There is a need to adopt a technique to solve this problem pic.twitter.com/zm6eaYtwA4
— ANI (@ANI) November 22, 2019
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट आई थी, जिसमें भारत में बेरोजगारी की दर 3 साल के उच्चुतम स्तॉर पर होने का दावा किया गया था. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि लोग रोजगार की तलाश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक अगस्तम में बेरोजगारी की दर 8.4 फीसदी थी, जो तीन साल का उच्चकतम स्तॉर है. इससे पहले साल 2016 में बेरोजगारी के आंकड़े इस स्तरर पर पहुंचे थे. इस रिपोर्ट में अगस्तो के साप्तागहिक बेरोजगारी दर के आंकड़े भी बताए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक महीने के हर हफ्ते में बेरोजगारी की दर 8 से 9 फीसदी के बीच रही. इससे पहले जुलाई में साप्ता़हिक बेरोजगारी दर 7 से 8 फीसदी के बीच रही थी. इस तरह अगस्त महीने में जुलाई महीने की अपेक्षा एक फीसदी बेरोजगारी दर बढ़ी है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि अगस्ते महीने में शहरी बेरोजगारी दर 9.6 फीसदी थी, जबकि ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी के आंकड़े 7.8 फीसदी पर पहुंच गए थे.