बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रमुख नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने मंगलवार को कहा कि अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल किया गया था.
पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने बिना नाम लिए बिना प्रशांत किशोर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझे पत्र लिखता है तो मैं जवाब देता हूं, लेकिन कोई ट्वीट करता है तो उन्हें ट्वीट करने दें. हमें इससे क्या लेना. पार्टी में कोई भी तब तक रह सकता है जब तक वह चाहे. वह चाहे तो जा भी सकता है.
नीतीश कुमार के बयान पर प्रशांत किशोर ने भी जवाब दिया है. उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, नीतीश जी ने जो कहा है उसके जवाब के लिए इंतजार करना होगा. उन्हें जवाब देने के लिए मैं बिहार आऊंगा.Prashant Kishor, Janta Dal-United (JD-U) Vice President to ANI: Nitish Ji has spoken, you should wait for my answer. I will come to Bihar to answer him. (File pic) https://t.co/lf5EepvUtS pic.twitter.com/32dIjuRpD1
— ANI (@ANI) January 28, 2020
शरजील इमाम के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा, शरजील पर दिल्ली पुलिस को बिहार पुलिस सहयोग कर रही है. कोई भी गलत काम करेगा, तो उस पर कानून के तहत कार्रवाई होगी. सीएए पर उन्होंने कहा, जो माहौल बना है, उसको सामान्य करने की कोशिश करनी चाहिए. सीएए को लेकर कोर्ट में मामला गया है, कोर्ट में बहस होगी, तो उसका इंतजार करना चाहिए. एनआरसी के बारे में उन्होंने कहा कि इसे लागू करने का सवाल ही नहीं है. एनपीआर 2012 से चल रहा है, उसमें कुछ नया नहीं है. एनपीआर में नए क्लॉज को लेकर भ्रम हुआ. हम लोगों की राय है, उसके बारे में केंद्र सरकार से बात करेंगे.
एनपीआर पर नीतीश कुमार ने कहा, हमारे दोनों दलों के नेता इस पर बात करेंगे. 2012 की स्थिति में ही एनपीआर होना चाहिए, समाज में किसी तरह की कटुता नहीं होनी चाहिए. नए क्लॉज की कोई आवश्यकता नहीं है. 5 नए क्लॉज लगाए गए हैं, इसमें माता-पिता का जन्म कहां हुआ, इसकी जानकारी बहुत लोगों को नहीं होगी. इसको लेकर लोगों के मन में भ्रम आ गया है, उससे राहत दिलाई जानी चाहिए. लोगों को ये ध्यान रखना चाहिए, समाज में अलग तरह की परिस्थिति पैदा न हों.
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विरोध प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा, देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, इसमें सबका अपना ओपिनियन है. फंडिंग के बारे में भी हमको कुछ नहीं कहना है. सुप्रीम कोर्ट से सीएए पर फैसला हो जाएगा. जनगणना जातिगत आधार पर होनी चाहिए. बिहार विधानसभा और विधान परिषद से इसका संकल्प पारित हो चुका है.