दूसरी तरफ लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना देखकर रहे थे नीतीश कुमार आज उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के संसदीय जीवन के 25 वर्ष पूरे होने पर पटना में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कई केन्द्रीय मंत्रियों के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
इसी कार्यक्रम में सुशील मोदी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी से हाथ मिलाते हुए पोस्टर छप जाने से नीतीश कुमार इतने नाराज हुए कि उन्होंने भोज रद्द कर दिया, लेकिन आज वो प्रधानमंत्री से मिलकर हाथ मिला रहे हैं.
सुशील मोदी ने 1990 से शुरू हुए अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन के बारे में बताया जब वे पहली बार पटना से विधायक चुने गए थे. मोदी ने उसके बाद 15 साल के लालू राज का जिक्र किया और बाद में उपमुख्यमंत्री बने रहने तक की कहानी सुनाई.
सुशील मोदी ने माना कि कुछ गलतियां उनसे हुईं, खासकर कैबिनेट विस्तार में कुछ बीजेपी मंत्रियों के विभाग बदलने को लेकर. साथ ही उन्होंने कुछ खास गलतियों के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पटना में नया संग्रहालय बनाने के वो खिलाफ थे, लेकिन नीतीश कुमार की जिद की वजह से वह बना, जिस पर हाईकोर्ट आज उंगली उठा रहा है.
पासवान ने भी ली नीतीश पर चुटकी
बीजेपी की सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का भी पटना में कार्यकर्ता सम्मेलन का कार्यक्रम चल रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान नीतीश कुमार पर जबकर निशाना साध रहे हैं. कभी भूमि अधिग्रहण को लेकर, तो कभी धान खरीद के मामले को लेकर. साथ में वे यह भी कह रहे हैं कि कभी नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, पर आज प्रधानमंत्री के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं.
ताजा हालात यह बताते हैं कि नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात से बिहार की राजनीति कितनी गर्म हो गई है. 2010 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की पटना में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के नेताओं को भोज पर आमंत्रित किया था, लेकिन उसी दिन अखबारों में नीतीश और मोदी के हाथ मिलाते हुए पोस्टर छप जाने के कारण नीतीश नाराज हो गए और उन्होंने भोज रद्द कर दिया था.
बहरहाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानना है कि वो प्रधानमंत्री से किसी राजनीतिक कारणों से मिलने नहीं गए थे, बल्कि बिहार के हित के लिए वे मिले. लेकिन वर्षों बाद की मुलाकात का मतलब तो लोग लगाएंगे ही. कुछ तो लोग कहेंगे...