बिहार में आरक्षण की राजनीति एक बार फिर गर्म हो रही है. जदयू नेता अजय अलोक के 'आरक्षण में संसोधन' वाले बयान पर नीतीश कुमार ने स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा है, ''आरक्षण से किसी को भी वंचित नहीं रखा जाएगा.'' आपको बता दें कि जदयू नेता अजय आलोक ने आरक्षण को लेकर कहा है कि आरक्षण में से परिवारवाद समाप्त होना चाहिए. अजय आलोक ने बिना नाम लिए हुए आरजेडी, लोक जनशक्ति पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जैसे पार्टियों पर निशाना साधा है जो परिवार की पार्टी है और लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी आरक्षण का फायदा उठा रही है.
अजय आलोक ने कहा है, ''कुछ परिवारों के जकड़न से आरक्षण को मुक्त कराना जरूरी है. आरक्षण जारी रहना चाहिए मगर आरक्षण कुछ परिवारों की बपौती बनकर न रह जाए, ऐसा मेरा मानना है. पिछले 70 साल से देश में ऐसे कुछ परिवार मिल जाएंगे जो पीढ़ी दर पीढ़ी आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. मेरा स्पष्ट मानना है कि राजनीति में तो परिवारवाद समाप्त नहीं हो पा रहा है मगर आरक्षण में तो परिवारवाद समाप्त होना ही चाहिए”
जब नीतीश कुमार से जातिगत जनगणना को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे स्वयं चाहते हैं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. नीतीश ने कहा, ''हम तो पहले से ही चाहते हैं कि जाति के आधार पर जनगणना होनी चाहिए. देश में किस जाति के कितने लोग हैं यह पता चल जाएगा तो फिर उनके लिए और क्या करना चाहिए इसका निर्णय लेने में आसानी होगी.''
बीते दिनों सीपीआई के नेता और JNU के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के जदयू के एक मंत्री से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कन्हैया कुमार नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो सकते हैं. इसी सवाल का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा, ''कन्हैया कुमार मुझसे पहले भी मिले हैं. कोई राजनीतिक बात नहीं है.''
आपको बता दें कि बीते दिनों एक पार्टी कार्यकर्ता के साथ मारपीट और बदसलूकी के आरोप में कन्हैया कुमार के खिलाफ उनकी ही पार्टी सीपीआई ने एक निंदा प्रस्ताव पारित किया था. जिसके बाद वे जदयू के नेता और नीतीश सरकार में मंत्री चौधरी से मिले थे. जिसके बाद ये अटकलें तेज हो गई थीं कि कन्हैया कुमार सीपीआई छोड़कर नीतीश की पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं.