बिहार में चमकी बुखार से हुई मासूम बच्चों की मौतों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में जवाब दिया. सीएम नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से हुईं मौतों को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इस मामले में दुख व्यक्त करना काफी नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार को अत्यंत गंभीर मुद्दा है. बता दें कि बीते दिनों में बिहार में चमकी बुखार से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, 'जो हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस पर दुख व्यक्त करना काफी ही नहीं है. यह एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है. हमने कई बैठकें की हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की.' सीएम नीतीश ने कहा कि चमकी बुखार की असली वजह अभी सामने नहीं आई है. इस बीमारी पर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है.
Bihar CM Nitish Kumar at Bihar Assembly on #MuzaffarpurChildrenDeath: What happened is extremely unfortunate, expressing grief is not enough, it is an extremely serious issue. We have held several meetings and discussed the issue at length. pic.twitter.com/p5xZ3i63EF
— ANI (@ANI) July 1, 2019
विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चमकी बुखार से मौत की घटना मेरे लिए गंभीर चिंता का कारण है. हमें सोचना होगा कि गरीब परिवार क्यों प्रभावित हुए हैं और हमें गरीब परिवार को गरीबी से बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा. मुझे इस बात की भी आशंका है कि इस साल हमें सूखे का सामना करना पड़ेगा.
सीएम नीतीश ने बताया कि उन्होंने साल 2015 में पटना के एम्स में चमकी बुखार के कारणों पर विशेषज्ञों की एक टीम के साथ बैठक की. इस पर विशेषज्ञ की राय प्राप्त करने के लिए एक रिपोर्ट भी अमेरिका को भेजी गई थी और सभी के विचार अलग थे.
Bihar CM Nitish Kumar at Bihar Assembly on #MuzaffarpurChildrenDeath: I held a meeting at AIIMS Patna in 2015 and various experts had different views as to what is the reason of it. A report was even sent to the US to get expert opinion on it and all had different views. pic.twitter.com/p2HLF6IA60
— ANI (@ANI) July 1, 2019
सीएम नीतीश कुमार से पहले राज्य स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने विधानसभा में बताया कि 28 जून तक चमकी बुखार के 720 पीड़ित भर्ती हुए. 586 ठीक हुए और 154 बच्चों की मौत हो गई. मृत्यु दर घटकर 21% रह गई. साल 2011-19 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में एईएस के मृत्यु दर कम हुई है.
Bihar Health Minister Mangal Pandey at Bihar assembly: According to the data we've, till June 28, 720 were admitted, 586 were cured, & 154 children died. Death rate reduced to 21%. According to data from 2011-19, death rate due to AES has reduced over the past few years pic.twitter.com/ImbfA143NQ
— ANI (@ANI) July 1, 2019
गौरतलब है कि बिहार में जून में महीन में चमकी बुखार का कहर बरपा. पूरे बिहार में 150 से ज्यादा बच्चों ने चमकी बुखार के चलते अपनी जान गंवा दी. चमकी बुखार से सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर प्रभावित रहा, अकेले यहां 130 से ज्यादा बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई.