बिहार सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए मेवालाल चौधरी को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा जैसा अहम विभाग सौंपा. हालांकि मेवालाल पर अतीत में लगे आरोपों को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. मेवालाल खुद तो अपने ऊपर लगे आरोपों से जुड़े सवाल टाल गए लेकिन जेडीयू ने उनका बचाव करते हुए उनपर लगे आरोपों को साजिश बताया है.
मेवालाल चौधरी पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में धांधली का आरोप है. इस बाबत जब उनसे पूछा गया तो वह कैमरे से बचते नजर आए. ‘बिहार तक’ से बातचीत में मेवालाल ने कहा कि इन सवालों का अभी कोई औचित्य नहीं है. ये सब कुछ नहीं है.
मेवालाल ने आरोपों से जुड़े सवाल टालते हुए कहा कि आप विकास पर बात कीजिए, किस तरह से राज्य में विकास हो, चौतरफा विकास हो, किस तरह की कनेक्टिविटी हो, बेहतर शिक्षा और कृषि हो. आज हमें विकसित राज्य बनाने पर बात करनी है. हमारे मुखिया का भी यही उद्देश्य है और इसी पर हमारी प्रतिबद्धता है.
वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने मेवालाल को शिक्षा मंत्री बनाए जाने के बाद नीतीश कुमार को घेरा. आरजेडी ने ट्वीट किया, 'जिस भ्रष्टाचारी MLA को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश ने मंत्री बना दिया.' मेवालाल पर उठ रहे सवालों का जवाब जेडीयू प्रवक्ता अजय आलोक ने दिया.
उन्होंने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है, उसके बाद भी आप हाई कोर्ट पर सवाल उठा रहे हैं. कुशवाहा बिरादरी ने NDA को वोट दिया इसलिए विपक्ष मेवालाल चौधरी को निशाना बना रहा है. गौरतलब है कि मेवालाल चौधरी कुइरी समाज से आते हैं.
कौन हैं मेवालाल चौधरी
जेडीयू कोटे से मंत्री बनने वाले मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया है. बिहार की तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू के टिकट पर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं. मेवालाल चौधरी 2015 में पहली बार विधायक बने थे जबकि इससे पहले तक वो शिक्षक रहे हैं.