सरहद की रखवाली में शहीद देश के बहादुर सैनिकों का पार्थिव शरीर फिलहाल पुंछ में रखा गया है, लेकिन शहीदों के घरों पर मातम पसरा हुआ है.
21 बिहार रेजीमेंट के जवान विजय कुमार के घर शहादत की खबर जैसे ही पहुंची, घर में मानो मातम का सैलाब उमड़ पड़ा. बहन कलावती का रो-रोकर बुरा हाल है. गम का ऐसा पहाड़ टूटा है कि उसे इस बोझ को सहना मुश्किल हो रहा है. अभी हफ्ते भर पहले ही तो विजय देश की रखवाली के लिए सरहद पर रवाना हुआ था लेकिन, उसके आने से पहले आ गई शहादत की खबर.
पटना के करीब दीघा के छेकहां गांव का बांका जवान था विजय कुमार. देश के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून ऐसा था कि 21 बिहार रेजीमेंट में भर्ती हो गया. पहले उसकी तैनाती दानापुर में हुई थी. फिर जम्मू में सरहद पर भेज दिया गया. विजय अपने पीछे बीवी और दो बच्चों को छोड़ गए हैँ.
पाकिस्तान की कायरना हरकत से पूरा इलाका गुस्से में है लेकिन लोगों को इस बात का फक्र है कि जांबाज विजय कुमार ने शहादत से पहले जबर्दस्त बहादुरी दिखाते हुए दुश्मनों की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया.