कोरोना वायरस ने रिश्ते नातों पर भी जमकर प्रहार किया है. बिहार के वैशाली से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. जहां पर एक कोविड संक्रमित मरीज का शव 20 घंटे तक ऐसे ही पड़ा रहा. शव को श्मशान घाट तक ले जाने के लिए न तो एंबुलेंस मिली और न ही दाह संस्कार के लिए मृतक के परिजन सामने आए.
ऐसे में महनार चिकित्सा प्रभारी मनोरंजन सिंह और स्थानीय मुखिया मुकेश सिंह पीपीई किट पहनकर शव को अंतिम संस्कार के लिए कंधों पर रखकर शव को श्मशान घाट ले गए. महनार प्रखंड के हसनपुर दक्षिणी पंचायत निवासी राम उदगार सिंह की इलाज के दौरान बीते रविवार को मौत हो गई थी. लेकिन परिजन शव को लेने अस्पताल नहीं आए. जिसकी वजह से डॉक्टर और स्थानीय मुखिया को शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा.
बता दें, वैशाली के हसनपुर दक्षिणी गांव में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी. बताया जा रहा है कि मृतक का बेटा सेना में भारतीय सेना में काम करता है. घर पर कोई भी पुरुष सदस्य मौजूद नहीं था. समाज ने संक्रमण के डर से आस-पड़ोस और रिश्तेदारों ने दाह संस्कार करने से खुद को अलग कर लिया था.
जब इस मामले की सूचना मिलने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी गांव में पहुंचे और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को प्लास्टिक में लपेटकर दाह संस्कार के लिए ले गए.