
कई बार कुछ ऐसी परिस्थिति आ जाती है जिसके चलते आपको अपनी पेशाब को रोककर रखना पड़ता है. इस स्थिति का सामना आपको कहीं भी और कभी भी करना पड़ सकता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपको हम अपने ब्लैडर को हर 3 घंटे में एक बार खाली करना चाहिए. लंबे समय तक पेशाब रोकने से मूत्राशय पर दबाव बढ़ सकता है और इससे नुकसान हो सकता है. इससे ब्लैडर की मांसपेशियों को नुकसान पहुंच सकता है और पेशाब करने में समस्या हो सकती है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक हेल्दी ब्लैडर लगभग 2 कप यूरिन को होल्ड कर सकता है. आपके ब्लैडर को 2 कप यूरिन का उत्पादन करने के लिए लगभग 9 से 10 घंटे का समय लगता है. इस आर्टिकल में हम आपको पेशाब रोकने से होने वाली दिक्कतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सभी को जानना काफी जरूरी है.
जयपुर के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में यूरोलॉजिस्ट और एंड्रोलॉजिस्ट कंसल्टेंट डॉ. कमल चेलानी ने Aajtak.in को बताया, 'यूरिन क होल्ड करना बिल्कुल भी सेफ नहीं माना जाता है. इससे आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आप 5-10 मिनट तक रोक सकते हैं लेकिन इससे ज्यादा आपको यूरिन को रोकना नहीं चाहिए.'
डॉ. चेलानी का कहना है कि आम तौर पर आपको अपने पेशाब को बिल्कुल भी नहीं रोकना चाहिए., लेकिन कुछ कंडीशन में जब पेशाब नहीं कर पाते तो 5 से 10 मिनट तक रोकने में कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन इससे ज्यादा समय तक रोकने की गलती ना करें और तुरंत टॉयलेट जाएं.

ब्लैडर हमारे शरीर का एक ऐसा ऑर्गन है जो आसानी से फैल सकता है. की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ब्लैडर का आपके दिमाग के साथ सीधा संपर्क होता है. आपका ब्लैडर रिसेप्टर्स से भरा होता है जो आपके ब्रेन को बताते हैं कि आपका ब्लैडर कितना भरा हुआ है.
असल में, आपके ब्लैडर में एक 'फिल लाइन' होती है. जब आपका यूरिन उस प्वॉइंट तक पहुंचता है, तो आपके ब्रेन को एक सिग्नल मिलता है जो बताता है कि आपको पेशाब करने की जरूरत है. ऐसा तब होता है जब आपका ब्लैडर सिर्फ एक-चौथाई भरा होता है.
जब आपको पहली बार पेशाब करने की इच्छा होती है, तो आपके ब्लैडर को पूरी तरह भरने में काफ़ी समय लगता है. और जब आपका ब्लैडर भर जाता है, तो उसके आस-पास की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं ताकि पेशाब को तब तक बाहर न निकलने दिया जा सके जब तक आप उसे निकालने के लिए तैयार ना हो जाएं.
डॉ. चेलानी के अनुसार, लंबे समय तक पेशाब रोकने से ब्लैडर की मांसपेशियों की ताकत कम हो सकती है और पेशाब करने में समस्या हो सकती है. इससे इंफेक्शन और किडनी की समस्याएं भी हो सकती हैं.
दर्द- जो लोग रेगुलर तौर पर पेशाब करने की इच्छा को नज़रअंदाज़ करते हैं, उन्हें ब्लैडर या किडनी में दर्द या असहज महसूस हो सकता है. लंबे समय के बाद पेशाब करने पर पेट में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है. यूरिन पास करने के बाद भी मांसपेशियां सिकुड़ी रह सकती हैं, जिससे पेल्विक में ऐंठन हो सकती है.
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन- पेशाब को बहुत देर तक रोकने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है. यूटीआई के लक्षणों में शामिल हैं -
ब्लैडर स्ट्रेचिंग- बहुत लंबे समय तक यूरिन को रोककर रखने से आपका ब्लैडर स्ट्रेच हो सकता है. इससे ब्लैडर में से यूरिन निकलना काफी मुश्किल हो जाता है. अगर किसी व्यक्ति का ब्लैडर स्ट्रेच है तो कैथेटर का इस्तेमाल करके ब्लैडर को खाली किया जा सकता है.
किडनी स्टोन- जिन लोगों के यूरिन में मिनरल्स की मात्रा ज्यादा है, उनमें पेशाब रोकने से किडनी की पथरी बन सकती है. पेशाब में अक्सर यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सालेट जैसे मिनरल्स होते हैं.


यूरिन की फ्रीक्वेंसी हर व्यक्ति में अलग होती है, साथ ही यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका दिनभर में लिक्विड इंटेक कितना है. बच्चों और नवजात शिशुओं में ब्लैडर का साइज छोटा होता है जिस कारण उन्हें दिन में कई बार पेशाब आता है. एडल्ट्स के लिए दिन में 6 से 7 बार यूरिन पास करना नॉर्मल माना जाता है.