Smoking Slipped Disc Risk: स्मोकिंग सेहत के लिए बेहद हानिकारक है और इसके सेवन से हमारे शरीर में कई बीमारियां जन्म ले लेती हैं. इन सभी बातों को जानने के बाद भी लगातार धूम्रपान करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और लोग धूम्रपान न करने की सलाह को बहुत हल्के में ले लेते हैं. धूम्रपान से हमारे फेफड़े खराब होने और कैंसर के खतरे के बारे में तो पहले से ही लोगों को मालूम है, मगर अब सामने आया है कि स्मोकिंग करने से स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता है. लोगों में स्लिप डिस्क की शिकायत काफी आम है और उम्र के बढ़ने के साथ ये दिक्कत ज्यादा देखने को मिलती है. ऐसे में डॉक्टरों ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो स्मोकिंग करते हैं कि उनकी ये आदत उनके लिए स्लिप डिस्क की मुसीबत खड़ी कर सकती है.
स्लिप डिस्क तब होता है जब रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क अपनी जगह से खिसक जाती है और नसों पर दबाव डालती है, जिससे कमर, गर्दन या पैरों में तेज दर्द हो सकता है. जिन लोगों को स्लिप डिस्क की समस्या होती है, उनको कमर या गर्दन में लगातार दर्द होता है. उनके हाथ-पैर सुन्न पड़ जाते हैं या तेज झनझनाहट होती है. इतना ही नहीं इसमें चलने या उठने-बैठने में भी परेशानी होती है और बढ़ती उम्र के साथ ये दिक्कत ज्यादा होने लगती है.
शिलॉन्ग में स्थित उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NEIGRIHMS)के डॉक्टरों ने बताया है कि रिसर्च में सामने आया है कि धूम्रपान करने से स्लिप डिस्क (जिसे लम्बर डिस्क हर्नियेशन भी कहा जाता है) होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. दरअसल, डॉक्टरों ने ये बात एक ऐसे मरीज की सफल सर्जरी के बाद कही, जिसे बार-बार पीठ में स्लिप डिस्क की समस्या हो रही थी. इस बारे में बताते हुए डॉक्टर भास्कर बोरगोहेन और उनकी टीम ने मरीज की एस1 नर्व रूट या रीढ़ की हड्डी में दबाव को कम करने के लिए एक छोटी ट्यूब (ट्यूबलर माइक्रोडिसेक्टोमी) का इस्तेमाल करके हर्नियेटेड डिस्क निकाली गई है. इस पूरे प्रोसेस के दौरान रीढ़ की डिस्क के चार बड़े टुकड़े निकाले गए है.
डॉ. बोरगोहेन ने बताया, 'रिसर्च से पता चलता है कि स्लिप डिस्क होने का एक कारण स्मोकिंग भी है. इसका कारण ये हो सकता है कि सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक केमिकल (जैसे निकोटीन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टॉक्सिक हाइड्रोकार्बन) की वजह से डिस्क के बाहरी रिंग में कोलेजन फाइबर को होने वाले नुकसान के कारण होता है.सिगरेट के धुएं से ब्लड सर्कुलेशन खराब होता है, क्योंकि धुआं खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम कर देता है.'
'डिस्क के बाहरी हिस्से (Annulus) में कोलेजन फाइबर होते हैं जो डिस्क को मजबूत रखते हैं. जब आप स्मोकिंग करते हैं तो धुएं में मौजूद जहरीले तत्व इन फाइबर को नुकसान पहुंचा देते हैं और रीढ़ की हड्डी के आसपास की छोटी-छोटी रक्त नलिकाएं (Blood Vssels) भी सिगरेट की वजह से सिकुड़ जाती हैं. इससे डिस्क को भी ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता है और डिस्क कमजोर होने लगती है. ऐसे में खासकर पीठ के निचले हिस्से की डिस्क टूट सकती है या बाहर आ सकती है जिसे स्लिप डिस्क या हर्नियेशन होने के चांस बढ़ जाते हैं.'
ऐसे में उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NEIGRIHMS)के डॉक्टरों ने लोगों से अपील करते हुए स्मोकिंग से बचने के लिए कहा है, ताकि सिर्फ केवल रीढ़ की हड्डी की समस्याओं का जोखिम कम हो सके, बल्कि पूरी मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ में भी सुधार हो सके.