कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट केवल हल्के लक्षणों का कारण बनता है. दक्षिण अफ्रीका से लगातार सामने आ रही रिपोर्ट के आधार पर एक्सपर्ट ऐसा दावा कर रहे हैं. अब वैज्ञानिक और लीडिंग हेल्थ एक्सपर्ट इस बात से भी सहमत हैं कि ओमिक्रॉन संक्रमितों को एक फायदा भी पहुंचा रहा है यानी इसके संक्रमण के बाद ऐसी एंटीबॉडी बन रही हैं जो वैक्सीन से भी ज्यादा प्रभावशाली है.
जब से कोरोना की महामारी फैल रही है, तब से ओमिक्रॉन वैरिएंट को एक महामारी के अंत के रूप में देखा जा रहा है. एक्सपर्ट इसे एक नैचुरल वैक्सीन मान रहे हैं जो गंभीर लक्षणों को ट्रिगर किए बिना हाई लेवल के एंटीबॉडीज बनाने का काम कर रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पूरी दुनिया में लाखों संक्रमितों के शरीर में ये वैरिएंट एक नैचुरल वैक्सीन की तरह काम कर रहा है. इसमें शरीर पूरी एंटीबॉडीज जेनरेट कर रहा है जो इंफेक्शन से पैदा होने वाले रोगाणुओं को बाहर करती हैं.
भारत में Portea MeMedical की मेडिकल सर्विस के अध्यक्ष डॉ. विशाल सहगल ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा, 'ओमिक्रॉन शरीर में एक नैचुरल वैक्सीन की तरह व्यवहार करता है. यह कम जोखिम के साथ फायदा पहुंचा रहा है. हल्के लक्षणों के साथ उच्च स्तर की संक्रामकता नए वैरिएंट को एक वरदान बनाती है.' कुछ एक्सपर्ट ऐसा भी कह रहे हैं कि ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए लोगों को अब और ज्यादा वैक्सीनेट होने की भी आवश्यकता नहीं है.
मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट निकानोर ऑस्ट्रियाको इस विषय पर कहते हैं, 'हमें लगता है कि ओमिक्रॉन महामारी के अंत की शुरुआत है. ओमिक्रॉन लोगों में एक तरह की इम्यूनिटी को बूस्ट कर रहा है जो हमें फिर से पहले की तरह खुलकर जीने की दिशा में ले जा सकता है.'
एक अच्छी बात ये भी है कि दक्षिण अफ्रीका में इसका इंफेक्शन रेट लगातार तेजी से घट रहा है, जहां वैरिएंट को सबसे पहले डिटेक्ट किया गया था. ताजा आंकड़े बताते हैं के देश में बीते 30 दिनों में नए इंफेक्शन का रेट लगातार नीचे गया है. अधिकांश एक्सपर्ट को विश्वास है कि दक्षिण अफ्रीका से ओमिक्रॉन के लहर जा चुकी है और अब अगले कुछ महीनों में दुनिया के तमाम देशों में ऐसा ही कुछ होने की संभावना है.
हालांकि, दूसरी तरफ कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन को नैचुरल वैक्सीन कहना बिल्कुल गलत है, कई लोग इससे भी गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं. इस नए वैरिएंट को हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए.