पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है, जिसमें हार्मोंन्स के असंतुलित होने की वजह से शरीर पर बुरा प्रभाव तो पड़ता ही है, लेकिन उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ता है. पीसीओएस से पीड़ित कई महिलाओं में तनाव और डिप्रेशन के लक्षण भी देखने को मिलते हैं.
पीसीओएस (PCOS) एक ऐसी समस्या होती है, जिसकी वजह से मेल हार्मोन एंड्रोजन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है और प्रोजेस्ट्रॉन की मात्रा कम हो जाती है, जिसकी वजह से महिलाओं में मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और तनाव जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसके कारण वे आगे चलकर मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स का शिकार हो जाती हैं.
मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है PCOS?
1. आत्मविश्वास में कमी- PCOS से पीड़ित महिलाओं में सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी देखने को मिलती है. ऐसे में औरतें खुद को दूसरों से कम आंकने लगती हैं, जिसकी वजह से वे स्ट्रेस और एंग्जाइटी का शिकार हो जाती हैं.
2. दुखी रहना- PCOS से जूझने वाली महिलाओं में सेरोटोनिन, जिसे आमतौर पर हैप्पी हार्मोन कहा जाता है का लेवल घट जाता है, जिसकी वजह से वे लो फील करने लगती हैं.
3. शारीरिक बदलाव को लेकर चिंता- PCOS की वजह से महिलाओं में कई तरह के शारीरिक बदलाव भी आते हैं, जिसके कारण उनमें मोटापा और चेहरे पर मुंहासे आना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इन सब कारणों से औरतें तनाव में रहने लगती हैं और आगे चलकर मेंटल हेल्थ प्रोब्लम्स का शिकार हो जाती हैं.
4. नेगेटिव विचार आना- PCOS से पीड़ित महिलाओं की सोच काफी ज्यादा नकारात्मक हो जाती है और वो अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाती, जिसके कारण वे डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं.
ऐसे करें बचाव
1. PCOS से होने वाले तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन और माइंडफुल एक्टिविटीज करें. ऐसा करने से आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा.
2. रोजाना एक्सरसाइज, हेल्दी खाना और पूरी नींद लें. इससे आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां नहीं होगी और मूड भी अच्छा रहेगा.
3. पीसीओएस की वजह से होने वाले डिप्रेशन को बिल्कुल भी नजरअंदाज ना करें क्योंकि आगे चलकर इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. इसलिए किसी अच्छे मनोचिकित्सक को दिखाएं.