उत्तर भारत के कई राज्यों में इस वक्त भारी बारिश हो रही है, जिसमें पहाड़ी राज्य उत्तराखंड भी शामिल है. उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड और ऋषिकेश से बद्रीनाथ जाने वाले नेशनल हाईवे फिलहाल बंद कर दिए गए हैं. मौसम विभाग ने 6 और 7 जुलाई के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है.
इसी बीच उत्तराखंड में आए भारी जल सैलाब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे शेयर करते हुए लोग दावा कर रहे हैं कि ऋषिगंगा और तपोवन में एनटीपीसी का बांध टूट गया है. ऐसा बताते हुए, लोगों से हरिद्वार और ऋषिकेश घूमने जाने का प्रोग्राम ना बनाने की गुजारिश भी की जा रही है.
फेसबुक पर ये वीडियो शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “सावधान, ऋषि गंगा और tapovan का NTPC का dam टूट गया है. शाम तक पानी चमोली पार कर लेगा. इसलिए अभी कोई भी व्यक्ति हरिद्वार और ऋषिकेश का प्रोग्राम न बनाएं.” इसका आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 में चमोली में आई आपदा का वीडियो है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
अगर एनटीपीसी का कोई बांध टूटता, तो इस बारे में कई खबरें छपतीं. लेकिन, हमें ऋषिगंगा और तपोवन में बांध के टूटने के बारे में हाल-फिलहाल में छपी कोई रिपोर्ट नहीं मिली.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया. ऐसा करने पर हमें फरवरी 2021 के कुछ ट्वीट्स मिले, जिनमें भारी बाढ़ का ये वीडियो मौजूद है. इनमें बताया गया है कि ये उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के बाद का मंजर है.
इसके बाद हमें 7 फरवरी 2021 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का एक स्क्रीनशॉट मौजूद है. इसके मुताबिक उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ में ग्लेशियर टूट जाने के कारण बाढ़ आ गई थी, जिससे काफी नुकसान हुआ था.
‘आजतक’ की रिपोर्ट के मुताबिक 7 फरवरी 2021 को चमोली में नंदा देवी ग्लेशियर का एक भाग टूटने की वजह से अलकनंदा नदी में बाढ़ आ गई थी . जल सैलाब की चपेट में आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और उसके पास मौजूद रैणी गांव तबाह हो गया था. वहीं, सैलाब के साथ आए मलबे ने तपोवन टनल का मुंह बंद कर दिया था, जिसके बाद उसमें फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था. खबरों के मुताबिक बाढ़ में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
इसके अलावा उत्तराखंड पुलिस और चमोली पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैन्डल से वायरल वीडियो का खंडन करते हुए बताया है कि ये साल 2021 में रैणी में आई आपदा का वीडियो है.
साफ है, साल 2021 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के पुराने वीडियो को हालिया बताते हुए लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है.