
किसी रिहायशी इलाके में पत्थरबाजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. वीडियो में सिक्योरिटी गार्ड्स समेत कई लोग एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते नजर आ रहे हैं. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल.
कुछ लोग इस क्लिप को नोएडा की एक सोसाइटी में हाल-फिलहाल में हुई घटना का बताकर शेयर कर रहे हैं. लोगों की मानें तो यहां काम करने वाली एक बांग्लादेशी मुस्लिम नौकरानी चोरी करते हुए CCTV में पकड़ी गई थी. इसके बाद सोसायटी के लोगों ने उसकी बस्ती की बाकी सभी महिलाओं को भी काम पर आने से मना कर दिया. इसके बाद बस्ती से सैंकड़ों की भीड़ ने सोसायटी में घुसकर हंगामा किया.

वीडियो को हाल ही का बताते हुए कई लोगों ने इसे एक्स और फेसबुक पर शेयर किया है. ऐसे ही एक वीडियो का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
लेकिन, आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि नोएडा की सोसायटी में पत्थरबाजी की ये घटना असल में 2017 की है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये “OneIndia News” के यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 12 जुलाई, 2017 को अपलोड किया गया था. इतनी बात तो यहीं साफ हो गई कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि कम-से-कम आठ साल पुराना है.
वीडियो डिसक्रिप्शन के मुताबिक ये नोएडा सेक्टर-78 की महागुन मॉडर्न सोसायटी की घटना है. सोसायटी के लोगों ने काम करने वाली एक मेड के साथ कथित तौर पर चोरी करने के आरोप में बदसलूकी की थी. इसके बाद सोसायटी के पास की एक बस्ती के लोगों ने वहां जबरन घुसने की कोशिश की.
जुलाई 2017 की इस घटना के बारे में छपी रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस सोसायटी में जोरा बीबी नाम की एक मेड काम करती थी. उसने आरोप लगाया था कि उसका अपनी मालकिन से वेतन को लेकर झगड़ा हो गया था. जोरा का कहना था कि जब उसने मालकिन से अपनी 2 महीने की सैलरी की मांग की तो मालकिन ने उसपर 17,000 रुपये चोरी करने का आरोप लगा दिया और उसके साथ मारपीट की. इसके बाद वो डर के मारे अपार्टमेंट के बेसमेंट में चली गई.
इससे गुस्साए जोरा के परिवार वालों और बस्ती के लोगों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर सोसायटी में तोड़फोड़ की. इसके बाद सिक्योरिटी गार्ड्स और बस्ती के लोगों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई.
मालिक के मुताबिक उन्होंने जोरा को 17 हजार रुपये की चोरी करते हुए CCTV में पकड़ा था. और तो और जोरा ने 10 हजार रुपये चोरी करने की बात स्वीकार भी कर ली थी. इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज की थी.
साफ है, नोएडा की सोसायटी में पत्थरबाजी के जिस वीडियो को हाल ही का बताकर शेयर किया जा रहा है, वो 2017 का है.