महाराष्ट्र में ‘मराठी बनाम हिंदी’ भाषा का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जब राज्य में भाषा के नाम पर हिंदी भाषियों के साथ मारपीट हुई.
इसी बीच AIMIM नेता अकबरुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो कथित तौर पर उद्धव और राज ठाकरे को चुनौती दे रहे हैं. वायरल वीडियो में अकबरुद्दीन ओवैसी कहते हैं, “अरे आंध्र में आओ ना, बड़े ठाकरे-वाकरे हैं. मैं तुम्हारे पास आया हूं, हिम्मत है तो तुम मेरे पास आओ बताता हूं.”
इस वीडियो को कुछ यूजर्स हालिया भाषा विवाद से जोड़कर कह रहे हैं कि ओवैसी ने महाराष्ट्र में आकर हिंदी भाषा में ठाकरे बंधुओं को चुनौती दी लेकिन अब ठाकरे या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के लोग नजर नहीं आ रहे हैं और छुपकर बैठ गए हैं.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि अकबरुद्दीन ओवैसी का ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि 2012 में महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुई एक जनसभा का है.
कैसी पता लगाई सच्चाई?
कीवर्ड के जरिए सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें बताया गया हो कि अकबरुद्दीन ने हाल-फिलहाल में महाराष्ट्र का कोई राजनीतिक दौरा किया या इस तरह का कोई बयान दिया है.
रिवर्स सर्च करने पर हमें ओवैसी के इसी भाषण का एक अन्य वीडियो “Watch Movies” नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे 11 मई 2013 को अपलोड किया गया था. वीडियो के साथ दी गई जानकारी में इसे महाराष्ट्र के नांदेड़ का बताया गया है.
इस क्लू की मदद से सर्च करने पर हमें “My Deccan” नाम का एक फेसबुक अकाउंट मिला. इस अकाउंट पर दिसंबर 2012 में ओवैसी का ये भाषण कई हिस्सों में अपलोड किया गया है. तीसरे हिस्से में 4 मिनट 32 सेकंड पर वायरल वीडियो वाला ओवैसी का भाषण सुना जा सकता है. अपने इस भाषण में भी अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी कई बार नांदेड़ का जिक्र किया है.
इसके अलावा हमें अक्टूबर 2012 के कुछ फेसबुक पोस्ट्स मिले जिनमें यूजर्स ने बताया है कि महाराष्ट्र निकाय चुनाव के दौरान अकबरुद्दीन ओवैसी, 12 अक्टूबर, 2012 को नांदेड़ में हुई एक जनसभा में शामिल हुए और भाषण दिया.
अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर अपने इस भाषण का वीडियो साल 2018 और 2019 में भी शेयर किया था.
साफ है कि महाराष्ट्र के हालिया भाषा विवाद से जोड़कर अकबरुद्दीन ओवैसी का जो वीडियो वायरल है वो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि एक दशक से भी ज्यादा पुराना है.
रिपोर्ट- अभिषेक पाठक