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फैक्ट चेक: ममता बनर्जी ने बंगाल पुलिस से मस्जिद में लगवाई झाड़ू? भ्रामक है ये पोस्ट

सोशल मीडिया पर दावा है कि ममता बनर्जी ने नमाज के लिए एक मस्जिद की सफाई पुलिसकर्मियों से करवाई. लेकिन सच तो ये है कि ये तस्वीर 2016 में एक स्वच्छता अभियान से जुड़ी हुई है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी ने अपनी पुलिस से नमाज के लिए मस्जिद साफ करवाई.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
यह तस्वीर 2016 में तेलंगाना के भैंसा कस्बे की एक मस्जिद में ली गई थी जब वहां पुलिस ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंदिरों और मस्जिदों में साफ-सफाई की थी.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगता रहता है. इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया पर एक फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि बंगाल में ममता बनर्जी अपनी पुलिस से नमाज के लिए मस्जिद साफ करवा रहीं हैं. वायरल हो रही इस तस्वीर में कुछ पुलिसकर्मियों को किसी जगह पर साफ-सफाई करते देखा जा सकता है. नजदीक ही मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भी खड़े नजर आ रहे हैं.

फोटो के कैप्शन में लिखा है "क्या आपने कभी पुलिस को देखा है मन्दिर साफ करते हुए..? नहीं ना ..? पर....बंगाल में ममता दीदी की पुलिस, मस्जिद साफ कर रही है, नमाज के लिए.. देखिये". इसी कैप्शन के साथ यह तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर काफी वायरल हो रही है.क्या है सच्चाई? इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल फोटो के साथ भ्रामक दावा किया गया है. यह तस्वीर जून 2016 में तेलंगाना के भैंसा कस्बे की एक मस्जिद में ली गई थी जब वहां पुलिस ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंदिरों और मस्जिदों में साफ-सफाई की थी.कैसे की पड़ताल? सर्च करने पर सामने आया कि यह पोस्ट साल 2017 से सोशल मीडिया पर घूम रही है. "टिन आई" रिवर्स सर्च से पता चला कि उस समय कुछ लोगों ने इस फोटो को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का बताकर भी शेयर किया था. फोटो में एक पुलिसकर्मी के बाजू पर एक बैज लगा नजर आ रहा है. ये बैज तेलंगाना पुलिस का ही है.

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गौर से देखने पर हमें फोटो में "SK TOYS" लिखा एक बोर्ड दिखा. गूगल पर कुछ कीवर्डस की मदद से खोजने पर मालूम पड़ा कि "SK TOYS" नाम की एक दुकान तेलंगाना के भैंसा में है. दुकान की तस्वीर गूगल पर देखी जा सकती हैं जिसमें नजर आ रहा बोर्ड वायरल फोटो वाले बोर्ड से मेल खाता है.

 "Just Dial" पर मौजूद जानकारी के अनुसार, "SK TOYS" किसी "पंजेशाह मस्जिद" के पास स्थित है. इंटरनेट पर हमें पंजेशाह मस्जिद की देखरेख करने वाले एक व्यक्ति अब्दुल वाजिद का नंबर मिला. वाजिद ने हमें इस बात की पुष्टि कर दी कि ये फोटो पंजेशाह मस्जिद की है और सालों पुरानी है. वाजिद का कहना था कि पुलिस ने मस्जिद की साफ-सफाई एक अभियान के तहत की थी जो उस समय पूरे राज्य में चल रहा था. जांच में ये भी सामने आया कि 18 जून 2016 को पंजेशाह मस्जिद का बताकर फेसबुक पर भी वायरल फोटो को पोस्ट किया गया था. इसके साथ लोगों ने मस्जिद की कुछ अन्य फोटो भी शेयर की थीं. यूजर्स ने लिखा था कि रमजान के मौके पर भैंसा पुलिस ने पंजेशाह मस्जिद की सफाई की. तेलंगाना पुलिस ने भी 20 जून 2016 को स्वच्छ भारत को लेकर एक पोस्ट साझा की था. पोस्ट में कुछ तस्वीरें थी और लिखा था कि पुलिस ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंदिर-मस्जिद में साफ-सफाई की और पौधारोपण किया. इन तस्वीरों में से एक में पुलिस किसी मंदिर में भी सफाई करती दिख रही है. हालांकि, ये बात भी सही है कि उस समय रमजान का महीना चल रहा था.

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बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत समय-समय पर तेलंगाना पुलिस पौधारोपण और साफ-सफाई करती रहती है. इसकी तस्वीरें और वीडियोज़ इंटरनेट पर मौजूद हैं. इसके साथ यहां हमारी पड़ताल साबित हो जाता है कि फोटो को पश्चिम बंगाल का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है. सफाई कर रहे पुलिसकर्मियों की ये फोटो तेलंगाना की है और पांच साल से ज्यादा पुरानी है.

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आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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