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फैक्ट चेक: महिलाओं की पोशाक पहने ये आतंकी अफगानिस्तान में पकड़ा गया था, भारत में नहीं

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें सुरक्षा बल के जवान एक आदमी को पकड़कर कहीं ले जाते हुए दिख रहे हैं. खास बात ये है कि पकड़े गए शख्स ने महिलाओं के कपड़े पहन रखे हैं. तस्वीर के साथ तंज करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर भारत की है जहां बीजेपी के शासन में आतंकवादी इस तरह से पकड़े जा रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
महिलाओं के भेष में पकड़े गए आतंकवादी की ये तस्वीर भारत की है और बीजेपी शासनकाल की है.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये तस्वीर अफगानिस्तान में, साल 2012 में खींची गई थी. इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है.

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें सुरक्षा बल के जवान एक आदमी को पकड़कर कहीं ले जाते हुए दिख रहे हैं. खास बात ये है कि पकड़े गए शख्स ने महिलाओं के कपड़े पहन रखे हैं. तस्वीर के साथ तंज करते हुए ये दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर भारत की है जहां बीजेपी के शासन में आतंकवादी इस तरह से पकड़े जा रहे हैं. कैप्शन में सोशल मीडिया यूजर्स लिख रहे हैं, "कांग्रेस काल में हर घर में अफजल निकलेगा सुना तो था, परंतु भाजपा शासन में ऐसे निकलेगा ये नही पता था".

इस तस्वीर को भारत का बताकर ट्विटर और फेसबुक पर काफी लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल पोस्ट भ्रामक है. ये तस्वीर अफगानिस्तान की है और साल 2012 की है.

वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छपी खबरें मिलीं जिनमें ये तस्वीर मौजूद थी. मिरर और डेली मेल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, तस्वीर मार्च 2012 में खींची गई थी जब अफगान सुरक्षा बल ने महिलाओं का रूप धारण किए सात तालिबान आतंकवादियों को काबुल में पकड़ा था. गिरफ्त में लेने के बाद इन आतंकवादियों को मीडिया के सामने पेश किया गया था. महिलाओं की पोशाक पहने इस आतंकवादी की इन खबरों में कुछ अन्य तस्वीरें भी देखीं जा सकती हैं.

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ये तस्वीर 'आउटलुक' की फोटो गैलरी में भी इसी जानकारी के साथ मौजूद है. तस्वीर को न्यूज एजेंसी एपी के फोटोग्राफर रहमत गुल ने लिया था. इस तरह ये बात साफ हो जाती है कि वायरल तस्वीर अफगानिस्तान की है और नौ साल से ज्यादा पुरानी है. इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है.

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