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फैक्ट चेक: काल्पनिक वीडियो को शेयर करते हुए यूर्जस ने किया सांप्रदायिक दावा

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ एक रेस्टोरेंट का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने लगा है. फुटेज के जरिए दावा किया गया है कि एक मुस्लिम लड़के ने अपनी हिंदू दोस्त को नशे की दवा मिलाकर पानी पिलाने की कोशिश की, ताकि वो लड़की की इज्जत लूट सके.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
एक मुस्लिम लड़के ने अपनी हिंदू दोस्त को नशे की दवा मिलाकर पानी पिलाने की कोशिश की, ताकि वो लड़की की इज्जत लूट सके. लेकिन रेस्टोरेंट वालों की सजगता की वजह से मुस्लिम लड़का पकड़ा गया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो काल्पनिक है और इसे लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था.

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे के साथ एक रेस्टोरेंट का सीसीटीवी फुटेज वायरल होने लगा है. फुटेज के जरिए दावा किया गया है कि एक मुस्लिम लड़के ने अपनी हिंदू दोस्त को नशे की दवा मिलाकर पानी पिलाने की कोशिश की, ताकि वो लड़की की इज्जत लूट सके. लेकिन रेस्टोरेंट वालों की सजगता की वजह से मुस्लिम लड़का पकड़ा गया.

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक रेस्टोरेंट की टेबल पर एक लड़का और लड़की बैठे हुए हैं. कुछ सेकंड बाद लड़की उठकर कहीं चली जाती है जिसका फायदा उठाकर लड़का उसकी ड्रिंक में कुछ मिला देता है. पास में ही काउंटर पर बैठी महिला ये देख रही होती है और इसकी जानकारी वेटर को दे देती है. लड़की टेबल पर वापस आ जाती है. इससे पहले कि वो ड्रिंक पी ले, वहां मौजूद वेटर बहाने से ड्रिंक को गिरा देता है. वीडियो के आखिर में एक पुलिसकर्मी आता है और लड़के को पकड़ कर ले जाता है.

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है "देखिये इस जिहादी की करतुत को अपने हिन्दु लड़की दोस्त को पानी में नशे की दवा पिला कर इज्जत लुटने का प्लान बना रहा था पर होटल वालों के सजगता से पकड़ा गया! कब अक्ल आएगी इन लड़कियों को, जो इन जिहादियों में अपनी जिंदगी देखती है?"

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इंडिया टुडे ने पोस्ट की जांच की और पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. वीडियो काल्पनिक है और इसे लोगों को जागरूक करने के लिए बनाया गया था.

ट्विटर पर और भी कई लोगों ने वीडियो को साझा किया है. भ्रामक दावे के साथ वीडियो फेसबुक पर भी पोस्ट किया गया है. वायरल ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कैसी की पड़ताल?
कुछ कीवर्ड्स और रिवर्स सर्च की मदद से हमें यह वीडियो हमसा नंदिनी नाम की एक मॉडल और एक्ट्रेस के वेरीफाइड फेसबुक पेज पर मिला. इस पेज पर वीडियो 18 अक्टूबर 2020 को अपलोड किया गया था. पेज पर मौजूद वीडियो काफी बेहतर क्वालिटी का है. इसके साथ कैप्शन में यह बात स्पष्ट की गई है कि वीडियो पटकथा पर आधारित है और जागरूकता फैलाने के मकसद से बनाया गया है.

पेज पर जो वीडियो मौजूद है उसके आखिर में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि वीडियो काल्पनिक है. वायरल वीडियो में से इस वाले भाग को जानबूझकर हटा दिया गया है जिससे लोगों को सच पता ना चल सके. वीडियो के आखिर में एक सीख दी गई है कि किसी पर भी आंख बंद करके विश्वास ना करें.

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हमसा नंदिनी के पेज पर इस तरह के कई और भी काल्पनिक सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं. ज्यादातर वीडियो सामाजिक मुद्दों और अपराधों पर आधारित हैं.

इस तरह पड़ताल में साबित हो जाता है कि वीडियो को सांप्रदायिक एंगल देकर झूठ फैलाया जा रहा है. वीडियो में हिंदू मुस्लिम जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि ये असली है ही नहीं, बल्कि स्क्रिप्ट के मुताबिक बनाया गया है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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