scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने का ये वीडियो पांच साल पुराना है, किसान आंदोलन का नहीं

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो 2015 का है और कश्मीर के बारामूला का है. किसान आंदोलन से इसका कोई संबंध नहीं है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो 2015 का और कश्मीर के बारामूला का है. कुछ उग्र सिख संगठनों ने ये विरोध-प्रदर्शन गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के एक मामले को लेकर किया था.

किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में सिख समुदाय के कुछ लोगों को सड़क पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन का बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में "कश्मीर बनेगा पाकिस्तान" के नारे खुलेआम लगाए जा रहे हैं.

वीडियो में कुछ सिख युवाओं को सड़क पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते देखा जा सकता है. साथ ही ये लोग "कश्मीर बनेगा पाकिस्तान" और "पंजाब बनेगा खालिस्तान" के नारे भी लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करते हुए कुछ लोग सिख अलगाववादी नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर भी दिखा रहे हैं.


इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. वीडियो 2015 का है और कश्मीर के बारामूला का है. किसान आंदोलन से इसका कोई संबंध नहीं है.

इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लोग कैप्शन में लिख रहे हैं, "#किसानआंदोलन... ये पाकिस्तान नहीं ये केजरीवाल की दिल्ली की सड़कें हैं...जहां कश्मीर बनेगा पाकिस्तान के नारे खुलेआम लगाए जा रहे हैं, ये किसान आंदोलन नहीं है ये गद्दार आंदोलन है.. #FarmersProtest". फेसबुक पर भ्रामक दावे के साथ इस वीडियो को हज़ार से भी ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है. 

Advertisement

कैसे पता की सच्चाई?

यूट्यूब पर कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें ये वीडियो 'The Kashmir Pulse' नाम के एक चैनल पर मिला. ये वीडियो इस यूट्यूब चैनल पर 19 अक्टूबर 2015 को अपलोड किया गया था. यहां दी गई जानकरी के मुताबिक, वीडियो बारामूला का है, जहां सिखों के धार्मिक ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान को लेकर सिख समुदाय ने विरोध-प्रदर्शन किया था और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. 'The Kashmir Pulse' ने इस वीडियो को लेकर एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी.

दरअसल, 12 अक्टूबर 2015 को पंजाब के एक गांव में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी होने की खबर आई थी. इसी को लेकर बारामूला में कुछ उग्र सिख संगठनों ने ये विरोध प्रदर्शन किया था. इस मामले को लेकर ग्रेटर कश्मीर ने भी खबर प्रकाशित की थी. पाकिस्तानी न्यूज चैनल 'Dunya News' ने भी इस वीडियो को बारामूला का बताया था.

गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के विरोध में पंजाब सहित कई और भी जगह प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान पुलिस और सिख समुदाय के लोगों की झड़प की खबरें भी सामने आई थीं.

यहां ये साबित हो जाता है कि वायरल वीडियो के साथ कही जा रही बात झूठ है. वीडियो पांच साल से ज्यादा पुराना है और दिल्ली का नहीं, कश्मीर का है.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement