हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें गाजियाबाद के लोनी में कुछ लोग एक बुजुर्ग शख्स को पीट रहे थे. एक अन्य वीडियो में बुजुर्ग ने दावा किया कि हमलावरों ने उसकी दाढ़ी काट दी और उससे “जय श्रीराम” बोलने को कहा. हालांकि, पुलिस का दावा है कि ये मामला सांप्रदायिक नहीं बल्कि आपसी रंजिश का है. दरअसल इस मामले में कुछ आरोपी मुस्लिम हैं.
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और वीडियो इसी मामले से जोड़कर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी जगह पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा है. भीड़ में से कुछ लोग दो लोगों को एक मकान से खींचकर बाहर लाते हैं और उन्हें लाठी डंडों से पीटते हैं. दावा किया जा रहा है कि लोनी कांड के आरोपियों को पब्लिक ने कुछ इस तरह सजा दी.
वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने हिंदी में लिखा, “भाइयों देख लो दाढ़ी काटने का अंजाम 4 आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया था बाकी तीन आरोपियों को जनता ने खुद ही सजा दी है.”
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. ये वीडियो दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके का है जहां हाल ही में दो पक्षों में मारपीट हुई थी.
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
हमारी पड़ताल
इंटरनेट पर सर्च करने से हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली कि लोनी पिटाई कांड के आरोपियों पर भीड़ ने हमला किया हो.
हमने इस वीडियो के कीफ्रेम्स काटकर उन्हें कुछ कीवर्ड्स के साथ रिवर्स सर्च किया तो पाया कि यही वीडियो 13 जून, 2021 को दिल्ली के कई स्थानीय मीडिया संस्थानों और पत्रकारों ने जहांगीरपुरी की घटना बताकर शेयर किया है.
हमने जहांगीरपुरी पुलिस थाने के इंस्पेक्टर सीपी भारद्वाज से संपर्क किया और उन्हें वीडियो भेजा. भारद्वाज ने बताया, “ये घटना हमारे ही थानाक्षेत्र की है. रिकवरी बिजनेस से जुड़े तीन लोग वजीराबाद से जहांगीरपुरी आए थे. वे स्थानीय लोगों को धमकाने लगे और कुछ घरों में भी घुस गए. इसके चलते उनका स्थानीय लोगों के साथ झगड़ा हो गया. हमने तीनों रिकवरी एजेंट्स समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.”
इंडिया टुडे के दिल्ली ब्यूरो ने भी पुष्टि की कि ये वीडियो जहांगीरपुरी में हुए विवाद का है.
लोनी में क्या हुआ था?
हाल ही में गाजियाबाद के लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग को पीटने का मामला सामने आया. शुरू में इस घटना को सांप्रदायिक कहा जा रहा था. लेकिन बाद में पुलिस ने इसके सांप्रदायिक होने से इनकार करते हुए कहा कि मामला ताबीज बनाने से जुड़ा है. पीड़ित सूफी अब्दुल समद सैफी और आरोपी पहले से एक दूसरे को जानते थे. हालांकि, बुजुर्ग के परिवार ने पुलिस के दावे का खंडन किया है.
अब तक इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
एसपी गाजियाबाद (ग्रामीण) ईराज राजा ने कहा है कि सैफी की शिकायत में इस बात का जिक्र नहीं है कि उन्हें जबरन “जय श्रीराम” बोलने के लिए मजबूर किया गया. शिकायत घटना के दो दिन बाद 7 जून को दर्ज की गई थी. एसपी ने कहा, “घटना के कुछ दिनों बाद मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें आवाज नहीं आ रही है.”
इसके बाद एक और वीडियो में सैफी ने आरोप लगाया कि जबरन उनकी दाढ़ी काट दी गई और उन्हें “जय श्रीराम” बोलने पर मजबूर किया गया. ये वीडियो वायरल हो गया.
गाजियाबाद पुलिस ने इस वीडियो के प्रसारित होने को लेकर ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया है. इसके अलावा इसे शेयर करने वाले कुछ पत्रकारों और नेताओं के खिलाफ भी “धार्मिक भावनाएं भड़कने” के आरोप में केस दर्ज किया गया है. गुरुवार, 17 जून को दिल्ली में एक और केस दर्ज किया जिसमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कुछ पत्रकारों पर बिना पुष्टि किए पीड़ित का बयान शेयर करने का आरोप लगाया गया है.
हमारी पड़ताल से ये साफ है कि जिस वीडियो को ये कहकर शेयर किया जा रहा है कि लोनी पिटाई कांड के आरोपियों को भीड़ ने सजा दे दी, उसका इस घटना से कोई संंबंध नहीं है. वायरल वीडियो दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके का है.