हाथरस कांड ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. हाथरस के बाद बलरामपुर और भदोही से भी लड़कियों के साथ दरिंदगी होने के मामले सामने आए, जिसने जनता का आक्रोश और बढ़ा दिया. अब सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसे उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है.
इस वीडियो में टीवी पर एक सीसीटीवी फुटेज चलती हुई दिख रही है. 15 सेकंड की इस फुटेज में बीच सड़क पर एक कार रुकते हुए देखी जा सकती है. कार में से एक आदमी निकलता और सड़क पर चल रही दो लड़कियों में से एक को कार में जबरन बैठा कर ले जाता है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में दिन-दहाड़े बेटियों को उठाया जा रहा है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो इसी साल अगस्त का है और कर्नाटक के कोलार शहर का है.
वीडियो को शेयर करते हुए लोग लिख रहे हैं, "उत्तर प्रदेश में दिनदहाड़े बेटियों को उठाया जा रहा है अंधभक्त अभी भी आंखों पर पट्टी चढ़ाए हैं". वीडियो को भ्रामक दावे के साथ फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
वीडियो को इन-विड टूल की मदद से खोजने पर हमें "The News Minute" वेबसाइट की एक खबर मिली, जिसमें इस वीडियो के बारे में जानकारी दी गई थी. खबर के मुताबिक, ये घटना 13 अगस्त 2020 की है जब कर्नाटक के कोलार में तीन लड़कों ने एक लड़की को दिन-दहाड़े अगवा कर लिया था. ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई थी.
खबर में बताया गया है कि कथित तौर पर शिवशंकर नाम के एक लड़के ने ये साजिश रची थी क्योंकि लड़की ने शिवशंकर का शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. अपहरणकर्ता लड़की को अगवा कर कर्नाटक के तुमकुरु शहर ले गए थे. अगले दिन पुलिस ने लड़की का पता लगा कर उसे खोज निकाला था लेकिन अपहरणकर्ता भाग गए थे.
'Mirror Now' और 'Asianet news' ने भी इस मामले पर खबर की थी. पड़ताल में ये स्पष्ट हो जाता है कि किडनैपिंग का ये वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं बल्कि कर्नाटक का है और लगभग दो महीने पुराना है.